नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह नीरव मोदी को भेजे गए नोटिस के जवाब का अभी भी इंतजार कर रहा है। हीरों का व्यापारी नीरव 1.8 अरब रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला के खुलासे के बाद फरार है। मंत्रालय ने उससे इस पर जवाब मांगा है कि उसका पासपोर्ट रद्द क्यों नहीं होना चाहिए।
संवाददाताओं से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि नोटिस मिलने के बाद नीरव तय समय में उस पर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि अगर वह जवाब देता है तो हम उसके हिसाब से कार्रवाई करेंगे और अगर हम उसके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उसका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा। अगर वह जवाब नहीं देता है तो यही बात फिर दोहराई जाएगी। इसलिए अब हम लोग उसके जवाब का इंतजार कर रहे हैं।
नोटिस को निवास स्थान और ईमेल पर भेजने के नियम का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि विशेष रूप से इस मामले में नोटिस मोदी के उस ईमेल पते पर भेज दिया गया है जिसको उसने अधिकारियों से साझा किया था।
इस महीने की शुरुआत में महाघोटाला सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय ने देश से भाग चुके नीरव मोदी और उसके संबंधी मेहुल चौकसी का पासपोर्ट 16 फरवरी को निलंबित कर दिया था।
मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सलाह पर विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट विभाग ने नीरव दीपक मोदी और मेहुल चीनूभाई चोकसी के पासपोर्ट की वैधता तत्काल प्रभाव से चार सप्ताह के लिए निलंबित कर दी है।
बयान के अनुसार नीरव दीपक मोदी और मेहुल चीनूभाई चोकसी को नोटिस भेज कर एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 10 (स) के अंतर्गत उनका पासपोर्ट रद्द क्यों नहीं किया जाए। अगर कोई जवाब नहीं आता है तो विदेश मंत्रालय उनका पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर देगा।