जयपुर। राजस्थान में अब तक हुयी वर्षा से जयपुर, अजमेर, टोंक सहित कयी शहर गांवों को पानी पिलाने वाले बीसलपुर बांध सहित राज्य के 22 बड़े बांध पानी को तरस रहे हैं।
सिंचाई विभाग के अनुसार राजस्थान में अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण यह हालात बने हुए हैं और कुछ बांधों में पानी आया भी है तो वह राजस्थान से लगते मघ्यप्रदेश की सीमा में हुई बारिश के बाद आए पानी के कारण हुआ है।
सिंचाई विभाग के अनुसार मघ्य प्रदेश से आने वाले पानी से गांधी सागर 25 प्रतिशत, राणाप्रताप सागर 66 प्रतिशत कोटा बेराज 96 प्रतिशत , जवाहर सागर 74 प्रतिशत तथा माही बांध 50 प्रतिशत तक ही भर पाया है।
राजस्थान के जयपुर, अजमेर तथा टोंक सहित कई शहरों और गांवों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में अभी तक 21 प्रतिशत पानी आया है तथा जयपुर का पुराना पेयजल स्त्रोत रामगढ़ खाली पड़ा है।
प्रदेश के कुल 22 बड़े बांधों में उनकी कुल भराव क्षमता का 50 प्रतिशत पानी ही मौजूद है। इसके अलावा 284 मघ्यम बांध भराव क्षमता के 35 प्रतिशत ही भरे हुए हैं। इसी तरह छोटे 547 बांघों में अभी तक 09 प्रतिशत ही पानी आ पाया है।
प्रदेश में अभी तक कम बारिश होने सिंचायी के स्त्रोत माने जाने वाले इन बांधों में कम पानी होने से ग्रामीण क्षेत्रों में फसल को पानी पहुंचाना मुश्किल हो सकता है।
प्रदेश में मानसून आने के बाद बादलों की गहमागहमी खूब बनी हुई है लेकिन बरसात की आस पूरी नहीं हो पा रही है। लोगों को सावन का इंतजार है जिसमें मेघ बरसने से न केवल फसल की प्यास बुझेगी बल्कि पेयजल के स्त्रोत कुएं, बाबड़ी तालाब और नदियां लबालब हो सकेंगी।
राजस्थान में अभी तक तीन जिले बीकानेर, चूरू तथा डूंगरपुर ही ऐसे जिले हैं जहां औसत से अत्यधिक वर्षा हुई है। जबकि बांसवाड़ा, चित्तौड़, गंगानगर, झालावाड़, जैसलमेर, प्रतापगढ़, सीकर एवं उदयपुर में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा राज्य के 17 जिलों में सामान्य वर्षा हो चुकी है लेकिन बाड़मेर, बूंदी, जालौर, सिरोही एवं टोंक में अभी तक वर्षा औसत से कम दर्ज की गई है।