नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि बड़े शहरों में कोरोना महामारी की चुनौती विकट रूप ले रही है इसलिए इससे निपटने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतने के साथ साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं को मजबूत बनाए जाने की जरूरत है।
मोदी ने देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढते मामलों के बीच आज 15 राज्यों और केन्द शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेन्स से बैठक के दूसरे चरण में कहा कि यह वास्तविकता है कि कोरोना का फैलाव कुछ बड़े राज्यों, बड़े शहरों में अधिक है।
उन्होंने कहा कि कुछ शहरों में अधिक भीड़, छोटे-छोटे घर, गलियों-मोहल्लों में फिजिकल डिस्टेंसिंग की कमी, हर रोज हजारों लोगों की आवाजाही, इन बातों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। बैठक शुरू होने से पहले मोदी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कोरोना महामारी से निपटने में राज्यों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हर देशवासी के संयम, अनेक जगहों पर प्रशासन की तत्परता और कोरोना योद्धाओं के समर्पण की वजह से देश ने हालात को नियंत्रण से बाहर नहीं जाने दिया है। उन्होंने कहा कि समय पर ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और रिपोर्टिंग के कारण ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। समय पर उठाए गए सही कदमों के कारण देश इस बड़े खतरे का मुकाबला कर पाया है।
उन्होंने कहा कि पूर्णबंदी के दौरान जनता ने जो अनुशासन दिखाया है उससे वायरस की गुणत्मक वृद्धि पर अंकुश लगा है और उपचार तथा प्रशिक्षित जनशक्ति की दृष्टि से भी देश कहीं ज्यादा संभली हुई स्थिति में हैं।
मोदी ने कहा कि तीन महीने पहले देश में इस महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में सुविधाएं बहुत कम थी और हम पूरी तरह आयात पर निर्भर थे लेकिन आज स्थिति यह है कि हमारे पास सभी जरूरी चीजों का पर्याप्त भंडार है। पूर्णबंदी के दौरान जहां जन शक्ति को प्रशिक्षित किया गया वहीं लोगों को भी जागरूक बनाया गया। राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन ने भी दिन रात सहयोग के साथ काम किया। इस सामूहिक एकजुटता से ही देश ने यह मुकाम हासिल किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीत का विश्वास दिलाने वाली इन बातों के बीच देश को अब स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं, सूचना प्रणाली और जन भागीदारी पर इसी तरह निरंतर बल देना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते हुए मरीजों की संख्या को देखते हुए ढांचागत सुविधाओं का विस्तार करना, हर जीवन को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। ये तभी होगा जब कोरोना के प्रत्येक मरीज को उचित इलाज मिलेगा।
इसके लिए हमें जांच पर और अधिक बल देना है, ताकि संक्रमित व्यक्ति को हम जल्द से जल्द ट्रेस और ट्रैक और आइसोलेट कर सकें। हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि हमारी अभी की जो जांच क्षमता है उसका पूरा इस्तेमाल हो और निरंतर उसको बढाया भी जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब टेलीमेडिसीन का महत्व बढ गया है और हमें इसके विस्तार की दिशा में प्रयास करने होंगे जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। सूचना प्रणाली के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने में यह कारगर साबित हो सकती है। वरिष्ठ डाक्टर इसके माध्यम से लोगों को सलाह दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब देश में धीरे-धीरे मॉनसून आगे बढ़ रहा है। इस सीज़न में जो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, उनसे निपटना भी बहुत जरूरी है, वरना वो बहुत बड़ी चुनौती बन सकती हैं।
डाक्टरों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए भी ज़रूरी सुविधाओं को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। उनकी हर स्तर पर देखरेख करना, ये हम सभी का, पूरे राष्ट्र का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में समाज के कई तबकों ने, हर क्षेत्र से जुड़े लोगों, सिविल सोसायटी के लोगों को भी हमें निरंतर प्रोत्साहित करते रहना है। उनकी इस पूरी लड़ाई में प्रशंसनीय भूमिका रही है। हमारे पब्लिक स्पेस में, हमारे दफ्तरों में मास्क या फेसकवर, फिजिकल डिस्टेंसिंग और सेेनेटाइजेशन की प्रक्रिया को बार-बार लोगों को याद दिलाना है, इसमें किसी को लापरवाही नहीं करने देना है। अनेक राज्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत सराहनीय काम कर रहे हैं और इनकी सफलताओं को सबके साथ साझा करना जरूरी है।