जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि केन्द्र में कांग्रेस सत्ता में आई तो पेट्रोल और डीजल को भी वस्तु सेवा कर (जीएसटी) में शामिल कर इसकी दरों में एकरूपता लाई जाएगी।
गांधी ने शनिवार को कांग्रेस प्रतिनिधि सममेलन में पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद करते हुए कहा कि केन्द्र द्वारा पांच स्तरों पर लागू किया गया जीएसटी से देश के प्रत्येक वर्ग को भारी नुकसान हुआ है और इसका मुख्य फायदा कुबेरपतियों और बडे उद्योगपतियों को पहुंचा हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश में जीएसटी एक समान कर पद्धति लागू करने की पक्षधर रही है और इसीलिये वह सरकार के जीएसटी विधेयक की पक्षधर नहीं थी। केन्द्र की मोदी सरकार ने जीएसटी के लिए पांच अलग अलग दरें लागू की और इसमें पेट्रोल और डीजल को शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों परिणामों में कांग्रेस सरकार बनाती है तो जीएसटी की दरों में एकरूपता लाएगी और पेट्रोल तथा डीजल को भी इसमें शामिल कर लेगी जिससे महंगाई पर रोक लगेगी।
भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर अत्याचार सर्वाधिक
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर आधारित दलितों पर अत्याचार संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा और पूछा कि आखिर वे दलितों की सुरक्षा के लिए नींद से कब जागेंगे।
गांधी ने दलितों पर भाजपा शासित राज्यों में सर्वाधिक अत्याचार होने संबंधी मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए ट्वीट में कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें सलाह दी थी कि दलितों एवं आदिवासियों के विरुद्ध हिंसा को लेकर बयान देने से पहले तथ्यों की जांच किया करें।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को सलाह है कि वे समाचार रिपोर्टों से तथ्यों की जांच कर लिया करें। मुझे उम्मीद है कि मैं नीचे जो तथ्य संलग्न कर रहा हूं, उससे शाह और मोदी दलितों पर अत्याचार को लेकर अपनी गहरी नींद से जागेंगे।
गांधी ने कहा कि वह और कांग्रेस पार्टी दलितों के विरुद्ध अत्याचारों को लेकर तथ्यों की अवश्य ही जांच करेगी। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष और भाजपा अध्यक्ष ने एक दूसरे पर दलितों के उत्थान के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाए हैं और शाह ने गांधी को चुनौती देते हुए कहा था कि वे भाजपा पर आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच किया करें।
इसी संदर्भ में एक मीडिया रिपोर्ट में एनसीआरबी के 2016 के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि दलितों पर अत्याचार के मामलों में शीर्ष पांच राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश हैं। इनमें से बिहार (14 प्रतिशत), राजस्थान (12.1 प्रतिशत) एवं मध्यप्रदेश (12.3 प्रतिशत) में भाजपा शासन में है। इन तीन राज्यों में दलितों की 20 प्रतिशत आबादी रहती है।