हावड़ा। पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) की अदालत ने आठ साल पहले ट्रेन में नाबालिग लड़की से गैंगरेप के मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो जवानों को आजीवन कारावास की सजा और एक सैन्यकर्मी को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई। यह जानकारी अदालत के सूत्रों ने मंगलवार को दी।
हावड़ा की विशेष अदालत के न्यायाधीश सौरभ भट्टाचार्य ने सोमवार को बीएसएफ जवान बल्कराम यादव और संतोष कुमार को नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद और एक-एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई और सैन्यकर्मी मंजुरीश त्रिपाठी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। दोषी जवानों ने इस अपराध को 27 दिसंबर 2015 को अंजाम दिया गया था।
सरकारी अधिवक्ता सोमनाथ बनर्जी ने अदालत से कहा कि दोषियों ने कोच में गलती से घुसने वाली नाबालिग लड़की को शराब पीने के लिए मजबूर किया और बेहोश होने तक उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। बाद में, जीआरपी ने मधुपुर रेलवे स्टेशन पर उस पीड़िता को बचाया और देवघर के एक अस्पताल में भर्ती कराया। जीआरपी ने मधुपुर और हावड़ा स्टेशन पर मामला दर्ज कराया और जांच के बाद ट्रेन से सैन्यकर्मी मंजुरीश त्रिपाठी और गुवाहाटी में बीएसएफ शिविर से दोनों आरोपी जवानों को गिरफ्तार किया।
पीड़िता हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस से हावड़ा से अमृतसर की यात्रा अकेली कर रही थी और सुरक्षा बलों के आरक्षित डिब्बे में यह सोचकर चढ़ गई थी कि वह सुरक्षित रहेगी। सरकारी वकील बनर्जी ने अदालत से कहा कि पीड़िता ने यात्रा के लिए टिकट भी खरीदा था। उन्होंने अदालत को बताया कि पीड़िता को लगा कि वह सुरक्षा बलों के आरक्षित डिब्बा सुरक्षित रहेगी क्योंकि सामान्य डिब्बे में बहुत भीड़ थी, लेकिन दुर्भाग्यवश वह वहां सुरक्षित नहीं रही और उसके साथ रेप किया गया।