कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में अज्ञात बदमाशों ने मंगलवार को कई घरों में आग लगा दी जिसमें कम से कम आठ लोगों की झुलस कर मौत हो गई।
पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख ने यहां इस घटना की पुष्टि की। इससे पहले फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने घटना में मरने वालों की संख्या 10 बताई थी। आशंका है कि सोमवार शाम तृणमूल कांग्रेस नियंत्रित पंचायत निकाय के उप प्रमुख बधु शेख की हत्या के प्रतिशोध में इस घटना को अंजाम दिया गया है।
इस घटना को ‘भयावह’ बताते हुए राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल हिंसा संस्कृति और अराजकता की चपेट में है। उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव से तत्काल रिपोर्ट मांगी है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने रामपुरहाट प्रखंड में हुई इस घटना में 12 लोगों के मारे जाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कोलकाता से रामपुरहाट प्रखंड की दूरी करीब 200 किलोमीटर है।
धनखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि रामपुरहाट (वीरभूम) में भयानक हिंसा आगजनी और तांडव इंगित करता है कि राज्य हिंसा संस्कृति और अराजकता की चपेट में है। राज्यपाल ने कहा कि पहले ही आठ लोगों की जान जा चुकी है। मुख्य सचिव से घटना पर तत्काल अपडेट मांगा है। उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।
राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने आठ मौतों की पुष्टि करते हुए कहा कि सोमवार देर रात करीब सात से आठ घरों में आग लगा दी गई। झुलसे तीन लोगों को अस्पताल ले जाया गया जहां मंगलवार की सुबह एक ने दम तोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि दमकल अधिकारियों ने मंगलवार को एक घर से सात जले हुए शवों को बाहर निकाला। उन्होंने घटना के संबंध में किसी भी समूह के संघर्ष से इनकार किया। उन्होंने कहा कि अब तक 11 लोगों को राउंडअप किया जा चुका है। उन्होंने दावा किया कि कुछ निजी रंजिश के कारण मौत हुई होगी।
उन्होंने कहा कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है और मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम मौके पर है। उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। ग्रामीणों का विश्वास बहाल करने के लिए पुलिस चौकी लगाई गई है। सोमवार शाम चार नकाबपोशों ने बंधू शेख पर बम फेंके थे, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। रामपुरहाट के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि शेख की मौत की खबर आने के बाद बोगतुई गांव के लोगों ने अपने नेता की हत्या से नाराज लोगों ने कथित तौर पर घरों पर हमला कर दिया और उन्हें आग के हवाले कर दिया। एक सूत्र ने दावा किया कि आग खाना पकाने के सिलेंडर के फटने के बाद लगी, जिससे एक के बाद एक घर इसकी चपेट में आ गए।
राज्य की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के निर्देश के बाद टीएमसी का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मौके पर पहुंचा। विपक्ष के नेता अधिकारी ने इस घटना में तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग की। भाजपा नेता ने ट्वीट किया कि रात भर की बर्बरता से अब तक कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। अभी तक आठ जले हुए शव बरामद किए जा रहे हैं। शवों की संख्या कम करने के प्रयासों के साथ प्रशासनिक कवर अप शुरू हो चुका है। तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि सरकार घटना पर तेजी से कार्रवाई कर रही है, क्योंकि स्थानीय थाना प्रभारी को ‘बंद’ कर दिया गया है और अनुमंडल पुलिस अधिकारी को हटा दिया गया है। आईपीएस अधिकारी ज्ञानवंत सिंह, मिराज खालिद और संजय सिंह की स्पेशल टास्क फोर्स की टीम मामले की जांच करेगी।
घोष ने दावा किया कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि यह दुर्घटना थी या जानबुझ घटना को अंजाम दिया गया। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि रामपुरहाट की घटना का सूत्र राजनीति से जुड़ा है।