कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को नोआपाड़ा विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली और मतगणना के रुझान के मुताबिक उलुबेरिया लोकसभा सीट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज करने की कगार पर है। दोनों सीटों के लिए 29 जनवरी को उप चुनाव हुए थे। दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा नंबर दो की पार्टी बनकर उभरी है और कांग्रेस बुरी तरह से पिछड़कर चौथे स्थान पर है।
नोआपाड़ा में कांग्रेस विधायक मधुसूदन घोष के निधन के कारण उपचुनाव हुआ। यहां तृणमूल के सुनील सिंह ने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के संदीप बनर्जी को 63,000 से ज्यादा मतों से मात दी है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की उम्मीदवार गार्गी चटर्जी तीसरे स्थान पर रहीं। कांग्रेस चौथे स्थान पर रही और उसकी जमानत जब्त हो गई।
उलुबेरिया लोकसभा सीट पर तृणमूल की सजदा अहमद ने बहुत बड़ी बढ़त बना ली है। वह भाजपा के अनुपम मलिक से 2.38 लाख से ज्यादा मतों से आगे चल रहीं हैं।
साल 2014 के आम चुनावों में तृणमूल के सुल्तान अहमद ने वाम मोर्चा समर्थित सबीरउद्दीन मौला को दो लाख से ज्यादा मतों से हराया था। सुल्तान के निधन के बाद तृणमूल ने उनकी विधवा सजदा अहमद को उलुबेरिया से उम्मीदवार बनाया।
सबीरउद्दीन मौला इस बार माकपा के उम्मीदवार हैं। वह सजदा और मलिक से पिछड़कर तीसरे स्थान पर हैं। तीन साल पहले भाजपा उलुबेरिया में सिर्फ 11.5 प्रतिशत वोट हासिल कर पाई थी।
कांग्रेस के उम्मीदवार गौतम बोस नोआपाड़ा में चौथे स्थान पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई। इस सीट को पार्टी ने 2016 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा के साथ गठबंधन कर जीता था। उलुबेरिया में भी कांग्रेस चौथे स्थान पर है।