कोलकाता। पश्चिम बंगाल के भवानीपुर समेत तीन सीटों पर उपचुनाव के लिए गुरुवार को मतदान की प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गई। भवानीपुर में शाम पांच बजे तक 53.32 प्रतिशत मतदान हुआ था।
भवानीपुर में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, भारतीय जनता पार्टी की प्रियंका टिबरेवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के श्रीजीब बिस्वास के बीच मुकाबला है। भवानीपुर सीट पर मतदान के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
भाजपा ने राज्य सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी के खिलाफ निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई। भाजपा उम्मीदवार टिबरेवाल ने यह भी दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक मतदान केन्द्र पर मतदान प्रक्रिया को जबरन रोक दिया।
हालांकि हाकिम ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा जानती है कि वह उपचुनाव नहीं जीत सकती इसलिए बहाने तलाश कर रही है। दूसरी तरफ तृणमूल ने भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई जिसमें टिबरेवाल पर 20 कारों के काफिले के साथ घूमने और मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया।
यह चुनाव बनर्जी के लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है। इसी उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बनी रहेंगी या फिर उन्हें इस्तीफा देना होगा। दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बनर्जी की पार्टी ने तो प्रचंड जीत जीत हासिल की थी लेकिन वह खुद नंदीग्राम सीट से भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं। इसके बावजूद उन्होंने तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
अब मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनका चुनकर विधानसभा पहुंचना जरूरी है। क्योंकि राज्य में विधानपरिषद का अस्तित्व नहीं है जहां से वह चुनकर आ सकें। संविधानिक व्यवस्था के चलते बनर्जी को अपने पद पर बने रहने के लिए छह महीने के भीतर विधान सभा का सदस्य होना जरूरी है जो समय सीमा पांच नवंबर में खत्म हो रही है।
वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में पहली बार भवानीपुर सीट अस्तित्व में आई थी जहां पहले चुनाव में तृणमूल के बक्शी ने जीत हासिल की थी। बनर्जी उस वक़्त लोकसभा सांसद थी लेकिन उन्होंने तब सांसद के पद से इस्तीफा देकर पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और भवानीपुर से उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची। 2016 में वह दोबारा इसी सीट से चुनी गईं। भवानीपुर में दो लाख से ज्यादा वोटर हैं, इनमें बंगाली भाषी आबादी के साथ गुजराती, सिख, बिहारी, मारवाड़ी और दूसरे समुदाय के लोग भी शामिल हैं।
भवानीपुर के अलावा राज्य की जांगीपुर और शमशेरगंज सीटों पर हुए उपचुनाव में भी आज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद हो गया। इन सीटों पर मतगणना तीन अक्टूबर को होगी और उसी दिन नतीजे घोषित होंगे। गुरुवार को शाम पांच बजे तक 53.32 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले की समसेरगंज सीट और जांगीपुर सीट पर क्रमश: 78.60 प्रतिशत और 76.12 प्रतिशत का उच्च मतदान दर दर्ज की गई है। अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव के दौरान दो प्रत्याशियों की मौत के कारण इन दो सीटों पर चुनाव रद्द करना पड़ा था। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 6,97,164 मतदाता पंजीकृत हैं।