कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए सोमवार को भारी हिंसा के बीच शाम पांच बजे तक 73 प्रतिशत वोट पड़े, मतदान के दौरान हिंसा में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी अौर अन्य 50 घायल हो गये। मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ लेकिन सुबह छह बजे से ही मतदाताओं की कतार लगनी शुरू हो गई।
मतदान के दौरान कई स्थानों पर भारी हिंसा की रिपोर्ट भी है। हिंसा में अब तक 16 लोगों की मौत और अन्य 50 घायल हो गए है। मतदान के दौरान हिंसा की घटनाओं के अलावा मतपत्रों को जलाये जाने, वाहनों में आग लगाए जाने तथा मतदान अधिकारी और मीडिया के लोगों पर हमले की भी रिपोर्ट है।
उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद और दक्षिण दिनाजपुर जिलों सहित राज्य के कई हिस्सों सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दलों के समर्थकों के बीच झड़प होने की खबर है। गृह मंत्रालय ने राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं के बारे में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों, रिवोल्यूशनरी सोसलिस्ट पार्टी और वाम मोर्चा के अन्य दलों ने पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा की घटनाओं के विरोध में राज्य चुनाव आयोग के बहार प्रदर्शन किया। वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस, जो प्रदर्शन के दौरान उपस्थित थे, कहा कि चुनावी माहौल हिंसा के रूप में बदल गया क्योंकि कोई भी नियमों को पालन नहीं किया। बोस ने कहा कि पुलिस सुरक्षा के मजबूत इंतजाम नहीं कर सकी। इसीलिए हम चुनाव आयोग से बातचीत करने और इसका समाधान निकालने के लिए आये हैं।
हालांकि टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्राइन ने आरोप लगाया कि माकपा और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया और जानबूझकर उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बंगाल में माकपा शासन के तहत चुनावी हिंसा में करीब 400 लोग मारे गए थे और राज्य में 2003 में पंचायत चुनावों में 40 लोगों की मौत हो गई थी।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने डेरेक ओ ‘ब्रायन की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि वामपंथी शासन के दौरान भी हिंसा हुई और कहा कि यदि यह सच होता तो ममता बनर्जी कभी राज्य में सत्ता में नहीं आतीं।
यह अपने आप में दर्शाता है कि वे रक्षात्मक और दोषी है। मीडिया दिखा रहा है कि क्या हो रहा है। उन्होंने कहा यदि वाम मोर्चा की सत्ता के दौरान यह हुआ होता तो तृणमूल कांग्रेस सरकार कभी भी बंगाल की सत्ता में नहीं आती और बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री नहीं बनती।
माकपा के दो सदस्य अपु मन्ना और योगेश्वर घोष, जो नंदीग्राम द्वितीय ब्लॉक के हैशचरा के मतदान केन्द्र में अपने वोट डालने के लिए कतार में खड़े थे, तभी मोटरसाइकिल सवार एक युवह आया और उन्हें वहां से जाने को कहने लगा मोटरसाइकिल सवार युवक ने इसके बाद उनकी गोली मार कर हत्या कर दी।
मुर्शिदाबाद जिले के नवादा इलाके के पटिकाबरी ग्राम पंचायत में सचिन शैइख (26) की गोली मारकर हत्या कर दी। इसी प्रकार नदिया जिले के शांतिपुर में संचित प्रमाणिक (27) की गोली हार कर हत्या कर दी।
उत्तरी 24 परगना जिले में अम्दांगा में सत्तारूढ़ पार्टी समर्थकों द्वारा कथित तौर पर देशी बम फेंकने से एक युवा ताइबुर गेयन की मौत हो गई थी। दक्षिण 24 परगना के कुल्टाली में तृणमूल कांग्रेस के समर्थक अरुफुल गाजी की एसयूसीआई समर्थकों ने कथित रूप से गोली मार कर हत्या कर दी। अरुफुल उस समय मतदान केन्द्र की ओर जा रहा था।
मुर्शिदाबाद के बेल्डंगा में भाजपा कार्यकर्ता तपन मंडल की बम विस्फोट की चपेट में आने से मौत हो गई। वह वोट डालने के लिए मतदान केन्द्र की ओर जा रहा था। दक्षिण 24 परगना जिले के नमखाना के बुद्धखली में देबू दास और उनकी पत्नी उमा को कथित रूप से तृणमूल समर्थकों ने जला दिया जिससे दोनों की मौत हो गई।
नदिया जिले के नकाशिपारा में एक तृणमूल कांग्रेस समर्थक भोला दफाडर की हत्या कर दी। वह उस समय मतदान केन्द्र से मतदान करके घर लौट रहा था। इसी जिले के तेहट्टा में एक अन्य व्यक्ति कृष्णापाडा सरकार (63) की भी हत्या कर दी। सत्तारूढ़ टीएमसी मंत्री रवींद्र नाथ घोष की कूच बिहार में एक मतदान केंद्र में भाजपा समर्थक के साथ कहासुनी हो हुई।