ओवरलोड वाहन दिनभर हाईवे पर दौड़ रहे हैं। आए दिन इनसे सड़क पर हादसे हो रहे हैं। टैक्सी चालक पैसा कमाने के चक्कर में सवारियों को जीप के पीछे लटकाने से भी नहीं डरते है। बाइक सवार तो हाइवे पर तेज गति से बिना हेलमेट के अक्सर देखे जा सकते हैं ज्यादा मुसीबत का सबब तो चुने के कट्टों से भरे ओवरलोड ट्रक बन रहे हैं। इन वाहनों से सड़क पर गिर रहे चुने पर फिसलने से कई बार दुर्घटनाएं हो जाती है। बावजूद इसके प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं।
सिरोही से डीसा मार्ग पर अक्सर चुने के कट्टों से भरे ओवरलोड वाहन देखे जा सकते हैं। ऐसे वाहनों से अक्सर चुने के कट्टे सड़क पर गिर जाते है, और तो और ट्रक वाले जान-बूझकर इन कट्टों को बीच सड़क पर गिरा देते है। ज्यादा दिक्कत तो तब होती है जब ये कट्टे ट्रकों के किनारे पर पड़े रहते हैं और चलते वाहन से अचानक सड़क पर गिर जाते हैं। जिससे पीछे आने वाली कार या बाइक वाले अपना संतुलन खो बैठते हैं और संतुलन बिगड़ने से हादसा होना स्वाभाविक है। हाईवे पर यह स्थिति हर रोज बन रही है।
लेकिन इन हदसों के लिए सिर्फ प्रशासन को जिम्मेदार ठहराना भी कहाँ तक उचित है। लोग खुद अपनी जान की परवाह किये बगैर बाइक पर बिना हेलमेट, कार में बिना सीट बेल्ट के वहां चलते हुए नियमों का उल्लंघन करते हैं। दुपहिया वाहन चालक तो अक्सर गिरते देखे जा सकते हैं। रोजाना हादसे हो रहे हैं, लेकिन ओवरलोड वाहनों पर नकेल नहीं कसी जा रही है। आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद प्रशासन भी सबक लेने को तैयार नहीं है और ना ही वाहन चालक अपनी जान का मूल्य समझ पा रहे हैं।