नई दिल्ली। भारत को उम्मीद है कि अगले माह की शुरूआत तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन को मान्यता मिल जायेगी और इससे भारतीय नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में सहूलियत होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नियमित ब्रीफिंग में कहा कि विभिन्न देशों के अलग अलग कोविड प्रोटोकोल के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है जिनमें सर्वाधिक प्रभावित विदेशों में पढ़ने वाले विद्यार्थी हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय इस बारे में कई देशों से औपचारिक-अनौपचारिक रूप से संपर्क करके समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है।
विदेशों में कोवैक्सीन की मान्यता के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत विभिन्न देशों से भारत के टीकाकरण प्रमाणपत्र काे मान्यता देने को लेकर बातचीत कर रहा है जिसमें भारत में लगने वाला कोई भी टीका शामिल हो। उन्होंने कहा कि काफी देशों ने कोवैक्सीन काे मान्यता दे रखी है।
जहां तक डब्ल्यूएचओ द्वारा आपात स्थिति में प्रयोग की मंजूरी की प्रक्रिया का सवाल है तो उसमें छह से आठ सप्ताह का समय लगता है। कोवैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक ने नौ जुलाई को अंतिम रूप से डब्ल्यूएचओ में आवेदन किया है। उम्मीद है कि अगस्त के आखिरी सप्ताह या सितंबर की शुरुआत तक कोवैक्सीन को मान्यता मिल जाएगी। टीकों के आयात को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय जानकारी दे सकता है।