सिरोही। सिरोही शहर के नुक्कड़, चौराहे और प्रमुख स्थान फिलहाल होर्डिंग्स से अटे पड़े हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के सिरोही आगमन और रामनवमी के आयोजन को लेकर शहर के मुख्य स्थानों पर होर्डिंग्स की भरमार हो चुकी है।
फिलहाल भाजपा के साथ राष्ट्रीय हिन्दू परिषद (एएचपी) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के बीच जबरदस्त होर्डिंग वॉर देखने को मिली है। मुख्य जगहों की बात करें तो उन पर राष्ट्रीय हिन्दू परिषद ने कब्जाने में सफलता हासिल की है।
रामनवमी की बात करें तो शहर में होर्डिंग वॉर में वीएचपी और एएचपी में होर्डिंग्स की संख्या के हिसाब से शहर के हर प्रमुख चौराहे और प्रमुख मोड़ों पर एएचपी अपर हैंड पर है। पैलेस रोड, सरजावाव दरवाजा, बस स्टैंड, अनादरा चौराहा, गोयली चौराहा, राजमाता धर्मशाला समेत सभी प्रमुख स्थानों पर एएचपी की पहल का असर दिख रहा है।
भाजपा के पोस्टर वॉर में भी नेताओं में आपस में ही प्रदेशाध्यक्ष की नजर में आने की होड़ स्पष्ट दिखाई दे रही है। भाजपा के होर्डिंग्स की संख्या और स्थान देखकर आगामी विधानसभा चुनावों में सिरोही विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से दावेदारों के चेहरे ये होर्डिंग स्पष्ट कर देंगे।
फिलहाल जो दो नए दावेदार उभरते दिखाई दे रहे हैं उनमें जोगेंद्र राजपुरोहित और तेजराज सोलंकी हैं। भाजपा जिला संगठन के प्रमुख नेता से नाराजगी वाले खेमे के एकत्रीकरण के समय चूरमा पार्टी में ये नाम प्रमुखता से उभरा था।
वहीं तेजराज सोलंकी पिछले विधानसभा में निर्दलीय चुनाव लड़े थे। बाद में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। फिलहाल भाजपा सिरोही विधानसभा सन्गठन में जोरदार तरीके से उठ रहे स्थानीय कैंडिडेट के मामले में ये दोनों कितने फिट बैठते हैं ये समय बताएगा।
भाजपा के पोस्टर वॉर बाहरी घाटे से शुरू हो जा रहा है। इसके बाद पूर्व सभापति के होटल, जहां प्रदेशाध्यक्ष का प्रथम स्वागत होगा, पर होर्डिंग्स की भरमार है। राजमाता धर्मशाला होते हुए सरजावाव दरवाजे तक के मार्ग के दोनो तरफ भी भाजपा नेताओं के होर्डिंग्स नजर आ रहे हैं।
दरवाजे पर पूनियां का पुष्प से स्वागत होगा। फिर जेल चौराहे से माली समाज छात्रावास मार्ग पर भी होर्डिंग्स नजर आ रहे हैं। भाजपा की मैराथन कार्यक्रम स्थल पर सम्पन्न होती दिख रही है। कार्यक्रम स्थल पर चारों ओर काफी उभरते नए नेताओं के होर्डिंग्स नजर आ जाएंगे।
लेकिन तीनों संगठनों की तुलना करने तो बड़े होर्डिंग्स के लिहाज से एएचपी संख्यत्मक रूप से ज्यादा नजर आ रहा है। कोरोना के कारण पिछले करीब दो सालों से रामनवमी के आयोजन नहीं हो पा रहा है। इस बार भी कोरोना की चौथी लहर की दस्तक और चेतावनी आ चुकी है।