धौलपुर | धौलपुर, राजस्थान का एक छोटा-सा जिला जो की विकास के हर पैमाने पर पिछड़ा हुआ है यहां की यातायात व्यवस्था का हाल जैसे जानवरों के आने जाने का प्रबन्ध हो रहा हो और उन्हें इधर उधर भागने की आजादी हो और पुलिस इन जानवरों से डरती हो।
धौलपुर की सड़कों का हाल जैसे बरसात में नाले सड़कों पर हो इसी प्रकार अस्पतालों का हाल जैसे पागल खाने हो जिनमें पागल लोग इधर से उधर भटक रहे हो बगीचों का हाल जैसे जानवर चर रहे हो यह हालत आखिर कब तक रहेंगी
जिसके चलते दुर्घटनाएं होती है अस्पतालों में मरीजों को परेशानियां होती है और प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य की समस्या भी रहती है पर इस जिले को आखिर कौन सुधार सकता है राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जो यही की महरानी है। के द्वारा भी सिर्फ अपने महल की राजनीतिक व्यवस्था पर ध्यान दिया गया है।
जहां एक शहर की तरह हर व्यवस्था है और बाहर जैसे जानवरों की देखभाल करने का प्रयास किया जा सकता है। आखिर यह जिला कब तक राजस्थान के अन्य जिलों की तरह व्यवस्थित हो सकेगा। इस सबके लिए जिम्मेदार भ्रष्ट प्रशासन और राजनेताओं का निजी स्वार्थ है। जिसके कारण यहां कोई कार्य नहीं हो पाता कुछ कार्य होते है जिनमे मुख्य है चुनाव की तैयारियों में व्यस्त रहना और जनता से जाति गत आधार पर वोट मांगना जिसके चलते इस जिले में चुनावों के समय ही कार्य होता है और यह एक तरह का बेहाल जिला बन गया है।
कोई भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है आखिर ऐसी क्या मजबूरी है इस जिले की कि इसकी कोई अहमियत नहीं फिर तो इसे उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री के प्रस्ताव के अनुसार उत्तर प्रदेश की तरफ कर दिया जाए शायद फिर इसके साथ ऐसा व्यवहार न हो या फिर इसे सरकार राजस्थान के पिछड़ेपन कि तस्वीर के तौर पर रखना चाहती हैं जिसकी याद हर पार्टी को चुनावों के समय आती हैं।