नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने राफेल विमान सौदे को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले को कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी की झूठ की राजनीति पर करारा तमाचा करार दिया है और गांधी से देश की जनता एवं सेना के जवानों से क्षमायाचना करने की मांग की।
शाह ने उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद पार्टी मुख्यालय में जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सर्वोच्च अदालत के फैसले ने राफेल को लेकर विपक्ष द्वारा उठाये जा रहे तीनों सवालों का निवारण कर दिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रामाणिकता पर कहीं कोई संदेह नहीं किया है। उन्होंने गांधी को चुनौती दी कि वह इस मुद्दे पर उन्हें जानकारी मुहैया कराने वाले स्रोत का खुलासा करें।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अदालत के फैसले से साबित हो गया है कि झूठ के पैर नहीं होते हैं और सच की हमेशा जीत होती है। अदालत में दायर चार जनहित याचिकाएं मुख्यत: तीन बिन्दुओं -निर्णय प्रक्रिया, मूल्य और ऑफसेट पार्टनर के चयन, पर केन्द्रित थीं।
अदालत के फैसले में तीनों का ही समाधान हो गया है। अदालत ने सभी रिकॉर्ड जांचने के बाद निर्णय प्रक्रिया को सही माना है, मूल्य को देश के लिए लाभदायक कहा है और ऑफसेट पार्टनर के चयन में सरकार की कोई भूमिका नहीं होने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने विमान की गुणवत्ता और सामरिक क्षमता को मान्य किया है और कहा है कि इससे किसी को आर्थिक फायदा पहुंचाने का कोई आरोप नहीं है। महज अखबारी आरोपों या किसी की व्यक्तिगत धारणाओं के आधार पर निर्णय नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से झूठे आरोप लगाने वालों के मुंह पर तमाचा पड़ा है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीत हुई है और गांधी की हार हुई है। उन्होंने सवाल किया कि गांधी को विमान सौदे के बारे में सूचनाओं का स्रोत बताने के साथ ही यह भी बताना चाहिए कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन शासन के दौरान 2007 से 2017 के दौरान फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदा क्यों नहीं हुआ। ऐसा करने से ही उनकी विश्वसनीयता बचेगी।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कमीशन को लेकर विमान सौदा नहीं हो सका। उन्होंने सवाल उठाया कि इस सौदे को लेकर गांधी इतने सजग थे तो न्यायालय में याचिकाकर्ता क्यों नहीं बने। उन्हें सभी प्रमाण जो उनके पास हैं, उन सारे तथ्यों को अदालत में रखने से उन्हें किसने रोका था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि चौकीदार के डर से कांग्रेस की ओर से चोर-चोर का नारा लगाया गया। उन्होंने कहा कि सब चोर इकट्ठे होकर चौकीदार को लेकर ही चोर चोर का शोर मचाएंगे तो जनता यूं ही नहीं मान लेगी। सूरज की ओर मुंह करके मिट्टी या कीचड़ उछालने से वह खुद पर ही गिरता है। उन्होंने कहा कि गांधी आने वाले दिनों में ऐसी बचकाना हरकतों से बचें तो थाेड़ी सी इज्जत बचेगी।
कांग्रेस द्वारा संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर पूछे जाने पर शाह ने कहा कि सरकार संसद में राफेल के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष जितना समय लेना चाहे, सरकार उसके लिए राज़ी है। लेकिन केवल हंगामा करने से कोई परिणाम नहीं निकलने वाला है।
कांग्रेस द्वारा भाजपा पर जेपीसी की मांग से डरने के आरोपों पर शाह ने कहा कि राफेल पर चर्चा में ही जेपीसी जांच के औचित्य पर भी चर्चा हो जाएगी। उसमें जाे भी निर्णय होगा, सरकार मानेगी।
तीन राज्यों के चुनावों में राफेल के कारण नुकसान होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चुनावी हार जीत छोटा मुद्दा है लेकिन देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ ज्यादा गंभीर मुद्दा है। सेना के मनोबल को जो चोट पहुंची है, उसके लिए कांग्रेस को पश्चाताप करना चाहिए।
कांग्रेस द्वारा राफेल को शुचिता का विषय बताने और शुचिता को अदालत के दायरे से परे बताए जाने पर शाह ने कहा कि शुचिता भी तो तथ्यों से ही तय होगी और तथ्य अदालत के अधीन आते हैं।