चंद्रयान -2 चंद्र मिशन को लेकर देश के सवा अरब लोग सफलता या असफलता की बात करना नहीं चाह रहे थे, न तो निराश थे न हीं इसरो वैज्ञानिकों को निराश होने दिया । बल्कि जिस प्रकार से देश के प्रति जज्बा दिखाया उसकी प्रशंसा ही करनी होगी।
चंद्रयान -2 की शानदार यात्रा का समापन आज 47 दिन बाद हुआ । भारत ही नहीं समूचा विश्व चंद्रयान -2 की यात्रा पर टकटकी लगाए हुए था । शनिवार रात भर चंद्रमा पर भारत को देखने के लिए पूरा देश मानो जाग रहा था । रविवार सुबह इसरो वैज्ञानिक निराश हो गए । जैसे-जैसे यह खबर पूरे देश में फैली ताे पूरा देश उठ खड़ा हुआ और इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाना शुरू कर दिया । पूरा देश चंद्रयान -2 की सफलता या असफलता की बात करना नहीं चाह रहा था बल्कि वह आपने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने में जुटे रहे ।
देश के सवा अरब लोगाें ने राष्ट्रभाव और इसरो वैज्ञानिकों की खुलकर प्रशंसा की और आगे के लिए शुभकामनाएं भी दी । न तो वह निराश थे न ही किसी को निराश होने दिया। पूरे दिन भर सोशल मीडिया पर आम हो या खास हों सभी की हौसला और शुभकामनाएं देने वाली प्रतिक्रियाएं ही रहीं। इसरो केंद्र बेंगलुरु में रात भर वैज्ञानिकों के बीच बैठे रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर बिल्कुल भी शिकन नहीं थी बल्कि वे वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते रहे ।
पीएम मोदी ने कहा, मैं आपके साथ हूं, देश आपके साथ है। हर मुश्किल हमें कुछ नया सिखा कर जाती है । इस वक्त चंद्रयान चांद को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ा है। हमे याद रखना होगा कि चंद्रयान की यात्रा शानदार रही है । भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया।
—शंभूनाथ गौतम की त्वरित टिप्पणी—