नई दिल्ली। थोक बाजार में सब्जियों, फलों, दालों और चीनी के दाम घटने से अगस्त में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर चार महीने के निचले स्तर 4.53 प्रतिशत पर आ गई।
इस साल जुलाई में थोक महंगाई दर 5.09 प्रतिशत और पिछले साल अगस्त में 3.24 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष में अप्रेल से जुलाई के बीच अब तक थोक महंगाई की औसत दर 3.18 प्रतिशत रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 1.41 प्रतिशत दर्ज की गयी थी।
इससे पहले 12 सितम्बर को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में खुदरा महंगाई भी घटकर 10 महीने के निचले स्तर 3.69 प्रतिशत पर आ गई थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार थोक महंगाई में राहत की मुख्य वजह खाद्य कृषि उपजों की महंगाई दर का 4.04 प्रतिशत ऋणात्मक रहना है। इस वर्ग में पिछले साल अगस्त के मुकाबले सब्जियों के दाम 20.18 प्रतिशत, फलों के 16.40 प्रतिशत, दालों के 14.26 प्रतिशत और प्याज के 26.80 प्रतिशत घटे हैं। विनिर्मित पदार्थों के वर्ग में चीनी के दाम 11.07 प्रतिशत कम हुये हैं।
वहीं, ईंधन तथा ऊर्जा वर्ग की महंगाई दर में 17.73 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है। रसोई गैस की महंगाई दर 46.08 प्रतिशत, पेट्रोल की 16.30 प्रतिशत और डीजल की 19.90 प्रतिशत रही।
पिछले साल अगस्त के मुकाबले आलू 71.89 प्रतिशत, तिलहन 10.23 प्रतिशत और गेहूं 8.39 प्रतिशत महंगा हुआ है। धान की महंगाई दर 4.78 फीसदी, दूध की 2.86 फीसदी तथा अंडों, मांस और मछलियों की 0.59 फीसदी बढ़ी।
विनिर्मित उत्पादों के वर्ग में महंगाई दर 4.43 प्रतिशत रही। वसायुक्त विनिर्मित पदार्थों की महंगाई दर 11.95 प्रतिशत, बेसिक धातुओं की 13.30 प्रतिशत, माइल्ड तथा सेमी फिनिश्ड इस्पात की 8.03 प्रतिशत तथा मशीनरी एवं उपकरणों को छोड़कर अन्य धातु उत्पादों की 8.65 प्रतिशत रही।
एक साल पहले की तुलना में रसायन तथा रासायनिक उत्पाद 6.75 प्रतिशत, अधातु खनिज 4.04 प्रतिशत, कागज तथा उससे बने उत्पाद 3.81 प्रतिशत और कपड़े 3.43 प्रतिशत महंगे हुए।