जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के संगठन महामंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे पर हुई बेइज्जती को देखते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
गहलोत ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुख्यमंत्री का अपमान किया है और यह राजस्थान के स्वाभिमान के साथ चोट है जिसे देखते हुए राजे को स्वत ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला उनके संगठन का आतंरिक मामला है लेकिन इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का जो अपमान हुआ है उसे देखते हुए उन्हें स्वयं अपने स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए पद त्याग देना चाहिए।
मैं तो अनुशासित बच्चा हूं
गहलोत ने खुद को कांग्रेस पार्टी का अनुशासित बच्चा बताते हुए कहा कि मुझे जहां भी लगाया जाता है समर्पित भाव से कार्य करता हूं। गहलोत ने कहा कि मैं कार्यकर्ता के रूप में एनएसयूआई से पार्टी में शामिल हुआ और उसके बाद केन्द्र और राज्य में विभिन्न पदों पर रह कर अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता रहा हूं।
उन्होंने पार्टी के नए नेताओं से लाईन बडी करने का कार्य करते रहने की नसीहत देते हुए कहा कि 1977 के माहौल से ही वह पार्टी के लिए कार्य करते रहे है और उस माहौल में भी जब प्रदेश में कांग्रेस का एक ही सांसद था तब भी उन्होंने पार्टी का झंडा ऊंचा रखा था।
उन्होंने नेताओं को पदों के पीछे नहीं भागने की सलाह देते हुए कहा कि नेताओं को नई पीढी के लिए राजनीति करनी चाहिए ताकि नई पीढी पुराने और वरिष्ठ नेताओं से सीख लेकर पार्टी का झंडा ऊंचा करते रहे।