सबगुरु न्यूज। तनाव कम करने की बीच आज भारत और चीन सीमा बॉर्डर पर आई खबर ने युद्ध जैसे हालात बयां कर दिया है। पिछले कई दिनों से भारत और चीन के बीच वार्ता जारी होने के बाद भी यह हिंसक घटनाएं बताती है कि चीन आसानी से मानने वाला नहीं है। सोमवार की रात लद्दाख के गालवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 3 जवान सैनिक शहीद हो गए हैं।
इस झड़प में चीन के सैनिक भी ढेर हुए हैं। दोनों देशों के बीच हुई हिंसक वारदात लगभग 45 वर्षों के बाद एक बार फिर से यादें ताजा कर गई हैं। भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर पर इस प्रकार की घटनाओं का होना आम बात है। दोनों देशों के बीच 41 दिन से सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है। हम आपको बता दें कि बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी।
भारत को चीन से सावधान रहना होगा और हालात पर तुरंत काबू पाना होगा
भारत चीन को लेकर बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है। यही नहीं है नेपाल और पाकिस्तान भी इस समय भारत के लिए खतरे से कम नहीं है। इस समय भारत समेत तमाम देश कोरोना महामारी से महाजंग लड़ रहे हैं ऐसे में यह दोनों देशों के बीच टकराव और मुसीबत बढ़ाएगा। दोनों ही पक्षों को आपस में मिल-बैठकर हालात को तुरंत काबू में लाना होगा। यह हिंसक झड़प बताती है कि हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। इसे हल्के में न लिया जाए। भारत-चीन सीमा विवाद अब बड़े तनाव में तब्दील होता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 45 साल यानी 1975 के बाद भारत-चीन सीमा पर ऐसे हालात बने हैं।
दोनों देश एक दूसरे पर लगा रहे हैं आरोप
लद्दाख में भारत चीन सीमा बॉर्डर पर हिंसक झड़प के बाद दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। चीन की तरफ से कहा जा रहा है कि भारतीय सैनिक चीनी सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे और इसलिए ये हिंसक झड़प हुई लेकिन भारत ने कहा है कि भारत के सैनिक जिस जमीन पर थे वे भारत का ही हिस्सा है। एक ओर चीन भारत से वार्ता भी कर रहा है दूसरी ओर अपने सैनिकों को भारत की सीमा पर भेज भी रहा है। सही मायने में चीन भारत की अंदरूनी सीमा पर दखल दे रहा है। चीन भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के काम को रोकने के लिए सेना को आगे बढ़ा रहा है। हालांकि भारत भी इसका जोरदार जवाब दे रहा है।
शंभू नाथ गौतम वरिष्ठ पत्रकार