जयपुर। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि महिला अपराधों में राजस्थान देश में पहले स्थान पर आ गया है।
कटारिया ने आज पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार से बढ़ते अपराधों के बारे में कहा जाता है तो सरकार कहती है कि अब अपराध पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है इससे अपराध बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहते हैं।
उन्होंने कहा कि अशोक गहलाेत के पिछले कार्यकाल में महिला अपराधों में राज्य दूसरे स्थान पर था जिसे हम चौथे स्थान पर ले आए। इस बार गहलोत के कार्यकाल में राज्य पहले स्थान पर आ गया है, इसे ही राज्य सरकार की उपलब्धि कहा जा सकता है। भरतपुर जिला तो महिला अपराधों का ह्रदय स्थल बन गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष के अपराधों के आंकड़े देखें तो अपराधों में वृद्धि स्पष्ट नजर आती है। जुलाई 2020 में जहां नकबजनी के 3212 मामले दर्ज हुए वहीं जुलाई 2021 में 3865 मामले दर्ज किये गये। इसमें 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी प्रकार जुलाई 2020 में चोरी के 14 हजार 973 प्रकरण दर्ज किए गए वहीं 2021 में 19 हजार 236 मामले दर्ज किए गए। इसमें 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जुलाई 2020 में दुष्कर्म के 2972 मामले दर्ज हुए जबकि जुलाई 2021 में 3717 मामले दर्ज किए ये। इनमें 25 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
कटारिया ने कहा कि अपराधी इतने बेखौफ हो गए हैं कि मोटरसाइकिल पर जा रहे दम्पती का अपहरण करके पति के सामने ही पत्नी का सामुहिक दुष्कर्म किया। उन्हें कोई भय नहीं है। इसी तरह से राज्य के अन्य स्थानों पर भी दुष्कर्म की घटनाएं हुई जिसे राज्य सरकार रोक पाने में नाकाम रही है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में भरतपुर में एक चिकित्सक को रिश्वत लेते पकड़े जाने पर भी दबाव डालकर छोड़ने पर मजबूर किया जाता है। इससे जाहिर है कि एसीबी पर राजनीतिक दबाव है।
कटारिया ने कहा कि राज्य में इतने अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घर से नहीं निकल रहे हैं। केवल टीवी पर ही नजर आते हैं। इस बारे में गहलाेत कहते हैं कि वह इसलिए घर से नहीं निकल रहे कि वे लोगों से मिलेंगे तो कोरोना प्रॉटोकॉल का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि यह तो सभी राजनीतिज्ञों के साथ हो सकता है।