बाडमेर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी ने कहा है कि उनके विधानसभा क्षेत्र गुड़ामलानी में समुचित विकास कार्यो की अनदेखी को लेकर उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
पूर्व मंत्री चौधरी ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद आज यहां जारी एक बयान में कहा कि उन्हें न तो मंत्री पद का लालच है और न ही उन्होंने व्यक्तिगत कार्य को लेकर इस्तीफा दिया है।
वह केवल इतना चाहते है कि उनके विधानसभा क्षेत्र गुड़ामलानी में समुचित विकास हो। इस क्षेत्र की जनता ने उन्हें छह बार चुनकर विधानसभा भेजा है। अगर वह उनकी कसौटी पर खरा नही उतरते है तो व्यर्थ है विधायक बने रहना।
चौधरी ने इस बात का खंडन किया है कि उनकी मुख्यमंत्री या राजस्व मंत्री से कोई नाराजगी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत हमारे नेता है। इस लिहाज से उनका सम्मान करना प्रत्येक कांग्रेसी विधायक का बुनियादी दायित्व है। उन्होंने कहा कि मेरे किसी से भी खराब सम्बन्ध नही है। उन्होंने कहा कि हरीश चौधरी मेरे छोटे भाई के समान है तथा वे मुझे पूरा सम्मान देते है। ऐसे में उनसे अदावत की बात करना बेमानी और कल्पित है।
उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने के बाद खुद हरीशजी तथा पीसीसी अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा का फोन आया था। दोनों यही जानना चाहते थे कि आखिर मैंने अचानक इस्तीफा क्यों दिया। उन्होंने इस बात को भी बेहूदा बताया कि इस्तीफा सचिन पायलट के इशारे पर दिया गया। हकीकत यह है कि उन्हें इस्तीफा भेजने के बाद इस बात का पता लगा।
मेरे घर वालों तक को इस्तीफे की भनक नहीं थी। चौधरी ने कहा कि मैं भावुक और सवेदनशील व्यक्ति हूं। जब मुझे लगा कि मैं क्षेत्र की जनता के प्रति न्याय नही कर पा रहा हूं, मैंने बिना सोचे समझे विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भिजवा दिया। निर्णय अब अध्यक्ष को करना है। मैं पहले भी क्षेत्रीय जनता के प्रति समर्पित और आस्थावान था और विधायक नही रहते हुए भी वही समर्पण भाव रहेगा।
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