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मेवात जैसे दंगों से रक्षा के के लिए हिन्दू स्वयं स्वसुरक्षा प्रशिक्षण लें : त्रिपाठी - Sabguru News
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मेवात जैसे दंगों से रक्षा के के लिए हिन्दू स्वयं स्वसुरक्षा प्रशिक्षण लें : त्रिपाठी

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मेवात जैसे दंगों से रक्षा के के लिए हिन्दू स्वयं स्वसुरक्षा प्रशिक्षण लें : त्रिपाठी

नई दिल्ली। हरियाणा के मेवात में दंगे होने से पूर्व मौत की सामग्री जमा की जा रही थी तब वहां के पुलिस प्रशासन को इसका पता कैसे नहीं चला? मेवात में पुलिस बंदोबस्त कहां था? आज हिन्दू निःशस्त्र हैं। सिख बंधुओं को स्वयं की रक्षा करने के लिए कट्यार साथ में रखने की अनुमति है। मेवात जैसे दंगे में स्वयं की रक्षा करने के लिए हिन्दुओं को शस्त्रों का प्रशिक्षण लेना चाहिए। हिन्दुओं ने भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करनी चाहिए। इस हिन्दू राष्ट्र में हिन्दुओं पर अत्याचार नहीं होंगे, धर्मांतरण प्रतिबंधित होगा एवं सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा की जाएगी। यह बात ‘प्रज्ञा मठ पब्लिकेशन’ के लेखक एवं (सेवानिवृत्त) मेजर सरस त्रिपाठी ने हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘मेवात कि मिनी पाकिस्तान?’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में कही।

सरस त्रिपाठी ने कहा कि मेवात के दंगे में रोहिंग्या सम्मिलित थे। म्यांमार से भगाए जाने पर उन्हें बांग्लादेश के मार्ग से पहले बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कश्मीर, हरियाणा आदि अलग अलग स्थानों पर बसाया गया है। उन्हें घर, पानी, आधारकार्ड उपलब्ध करवाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इन रोहिंग्याओं को बंदीवास शिविरों में रखकर म्यांमार भेज देना चाहिए।

बजरंग दल के हरियाणा प्रांत सुरक्षा प्रमुख कृष्ण गुज्जर ने कहा कि मेवात में दंगे की तैयारी गत 1 महीने से चल रही थी। इस दंगे में रोहिंग्या सहित स्थानीय मुसलमान सम्मिलित थे। मेवात में कुल 102 गांव हिन्दू विहीन हो गए हैं। अब क्या यहां बचे हुए हिन्दुओं को भी पलायन करना चाहिए? मेवात में कुछ स्थानों पर बुलडोजर चलाकर हिन्दुओं को खुश करने का प्रयत्न किया जा रहा है; परंतु जब तक दंगे में सम्मिलित सबके घरों पर बुलडोजर चलाकर कठोर कार्यवाही नहीं की जाती, तब तक इस दंगे में हिन्दुओं की सुरक्षा करते हुए बलिदान दिए हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।

सोनीपत (हरियाणा) की विहिंप की जिला मातृशक्ति संयोजिका पिंकी शर्मा ने कहा कि मेवात में हम मंदिर में केवल दर्शन के लिए गए थे, तब वहां हिन्दुओं पर आक्रमण किए गए। इसमें आक्रमणकर्ताओं ने छोटे बच्चे, वृद्ध एवं महिलाओं को भी नहीं छोडा। हिन्दुओं का मंदिर में जाना एवं रामनाम लेना भी उन्हें सहन नहीं होता; परंतु क्या हिन्दू दिन में 5 बार मस्जिदों से अल्ला-हू-अकबर के नारे सुनें? आने वाला समय हिन्दुओं के लिए कठिन है। मेवात में हिन्दुओं की अत्यंत निर्घृण हत्या की गई है। सरकार हिन्दुओं की सुरक्षा नहीं कर सकती। इसलिए हिन्दुओं को अब सेक्युलरवाद से बाहर आकर जागृत होना चाहिए।