नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या को लेकर पिछले 48 घंटे में जो तथ्य सामने आए हैं, उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की चुप्पी से जाहिर होता है कि इस आर्थिक अपराधी को भगाने में उनकी भूमिका रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जिस तरह से माल्या को बचाने में लगे रहे वह चिंता का विषय है और प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री को इस बारे में जवाब देना चाहिए। माल्या की फरारी कैसे हुई इसको लेकर जो रहस्योदघाटन हो रहे हैं उन पर मोदी और जेटली की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा है और यह संदेह पैदा करता है कि माल्या को भगाने में उनका हाथ रहा है।
उन्होंने कहा कि जेटली संसद भवन के कॉरिडोर में विजय माल्या से मुलाकात की बात कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस नेता पीएल पुनिया दावा कर रहे हैं कि उन्होंने जेटली और माल्या को संसद के केंद्रीय कक्ष में बैठकर लम्बी बातचीत करते हुए देखा है। देश के प्रतिष्ठित प्रशासनिक अधिकारी रहे पुनिया सम्मानित राजनेता हैं और वह कह रहे हैं कि लंदन जाने से पहले माल्या ने जेटली से लम्बी बात की है। उनकी चुनौती है कि सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग देखी जाए और यदि वह गलत साबित हुए तो राजनीति छोड़ देंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि माल्या के साथ मुलाकात की बात जेटली अब स्वीकार कर रहे हैं जबकि उसे भागे ढाई साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस दौरान राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई है और जेटली सदन के नेता हैं लेकिन उन्होंने यह खुलासा उस समय भी नहीं किया। पिछले 30 माह के दौरान उन्होंने यह उल्लेख कहीं नहीं किया कि माल्या उनसे मिला था।
उन्होंने सवाल किया कि जेटली को बताना चाहिए कि इतने लम्बे समय तक इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी की असली वजह क्या है। साथ ही पिछले 48 घंटे के दौरान इस प्रकरण में जो भी रहस्य खुलकर सामने आ रहे हैं उनको लेकर वह चुप क्यों है। उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि माल्या को भगाने में किसका सहयोग रहा है।