नमस्कार दोस्तों आपने कई पिक्चरों में देखा होगा जब किसी मुजरिम को फांसी की सजा सुनाई जाती है तो जज अपना पैन कार्ड निब तोड़ देता है। उसके बाद मुजरिम की सजा का अंतिम फैसला हो जाता है। आपके मन में कई बार यह सवाल आता होगा कि आखिर फांसी की सजा सुनाते वक्त पेन का निब क्यों तोड़ता है?
आज हम आपको ही बताएंगे इसके पीछे की सच्चाई क्या है जब किसी मुजरिम को फांसी की सजा दी जाते हैं तो न्यायाधीश पैन कि निब तोड़ता है ताकि उसे इस तरह की सजा दोबारा किसी को ना सुनानी पड़े] क्योंकि फांसी की सजा अपने-अपने बहुत ही बड़ी सजा होती है। इसका एक यह कारण भी होता है कि ऐसा कोई केस दोबारा ना आए कि किसी न्यायाधीश को फांसी की सजा सुनाने पड़े और जिस कलम से यह सजा लिखी गई है उस कलम कि निब को तोड़ दिया जाता है।
आपको एक राज की बात और बताते हैं की फांसी की सजा सुनाते वक्त केवल शाही के कलम का ही उपयोग किया जाता है। कभी इसमें बॉल पेन का उपयोग नहीं किया जाता। तो दोस्तों आज की खबर में इतना ही, अगली खबर में आपको यह जानने को मिलेगा कि आखिर जब किसी को फांसी की सजा दी जाती है तो फांसी के पहले उससे उसकी अंतिम इच्छा पूछी जाती है। इस बात में कितनी सच्चाई है और कितनी नहीं इन्हीं सवालों का जवाब मिलेगा आपको हमारे अगले आर्टिकल में धन्यवाद।