मुंबई। बॉलीवुड की चुलबुली अभिनेत्री जूही चावला का कहना है कि वह सोने के पहले हनुमान चालीसा जरूर पढ़ती है। कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ घरों में बंद हैं और सोशल मीडिया के ज़रिए अपने फैंस और फॉलोअर्स के साथ अपने अपडेट्स शेयर कर रहे हैं। जूही चावला ने उस किताब के बारे में खुलासा किया, जो हर रात सोने से पहले वो ज़रूरी पढ़ती हैं।
जूही चावला ने इंस्टाग्राम पर हनुमान चालीसा की फोटो शेयर करके लिखा कि हम ख़ुद को किताबों में खो देते हैं। वहीं हम ख़ुद को खोजते भी हैं। मैं आजकल जो पढ़ रही हूं… बेड में बत्ती बंद करने से पहले आख़िरी चीज़।
बजरंगबली से श्रद्धालुओं ने लगाई आस
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की, जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके। जी हां हम बात कर रहे हैं आज पवन पुत्र, बजरंगबली और हनुमान जी की जयंती की।
देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले को लेकर आज पूरा देश हनुमान से बस यही आस्था-आस लगाए बैठा है कि ये संकट देश से दूर होना चाहिए। कोरोना की वजह से आज श्रद्धालु हनुमान जयंती को व्यापक पैमाने पर नहीं मना रहे हैं लेकिन सभी अपने बजरंगबली से आशावान दिखाई दे रहा है । हनुमान जयंती पर रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं श्रद्धालु। हिंदू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान को संकट मोचक माना गया है।
मान्यता है कि श्री हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्त को किसी बात का भय नहीं सताता है। उनके नाम मात्र से आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं। हनुमान जी के जन्मोत्सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि श्री हनुमान ने शिव के 11वें अवतार के रूप में माता अंजनी की कोख से जन्म लिया था। हिंदू शास्त्रों में हनुमान जयंती की विशेष मान्यता है, हनुमान को परम बलशाली और मंगलकारी माना गया है।
सोशल मीडिया पर भी हनुमान जयंती पर भक्तों ने की कोरोना संकट दूर करने की आराधना
हनुमान जयंती के अवसर पर सुबह से ही सोशल मीडिया पर भक्तों का पवनपुत्र से कोरोना संकट को लेकर कई तरह के मैसेज का आदान प्रदान किया जा रहा है। अधिकांश मैसेज में कोरोना संकट को लेकर हनुमान जी के साथ प्रकट किया गया है। कई लोगों ने तो व्हाट्सएप के स्टेटस और डीपी में भी बजरंगबली के फोटो लगाए हुए हैं। भक्तों की मान्यता है कि बजरंगबली हर दुख को दूर करते आए हैं।
इसी को लेकर कोई आरती करने में व्यस्त है कोई पूजा-पाठ में लगा हुआ है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को श्री हनुमान जयंती मनाई जाती है। हनुमान जयंती हर साल मार्च या अप्रैल महीने में आती है। बता दें कि भक्त अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार साल में अलग-अलग दिन हनुमान जयंती मनाते हैं। हालांकि उत्तर भारत में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली हनुमान जयंती अधिक लोकप्रिय है।
मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों पर कृपा बरसती है
भक्तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्व है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। मान्यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है। शाम की आरती के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है। श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है। यहां आपको बता दें कि बजरंगबली का प्रत्येक मंगलवार को भी व्यापक पैमाने पर भक्त पूजा पाठ करते हैं और व्रत रहते हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार