जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी द्वारा विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद प्रदेश में सत्ता और संगठन में जबरदस्त हडकंप मच गया है।
बाड़मेर के गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण नहीं होने और कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के साथ ही अस्पताल में चीफ मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति नहीं होने को लेकर चौधरी नाराज चल रहे थे। इसी नाराजगी के चलते उन्होंने अपना इस्तीफा ईमेल के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को भेज दिया था।
इस्तीफे की जानकारी मिलते ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तत्काल मोर्चा संभाला और उन्होंने फोन पर चौधरी से बात कर यह जानने का प्रयास किया कि आखिर उन्होंने इस्तीफे जैसा बड़ा कदम क्यों उठाया? उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। डोटासरा ने इस बातचीत के बाद ऐलान किया था कि यह तो घर का मामला है शीघ्र सुलझा लिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि नाराज चौधरी गुरुवार या शुक्रवार को जयपुर आकर पहले डोटासरा से मुलाकात करेंगे और फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी मुलाकात होगी और इसी के साथ ही जो नाराजगी और इस्तीफा देने की बात खत्म हो जाने का आसार बन रहे हैं। मौसम खराब होने के कारण वह बुधवार को जयपुर नहीं पहुंच पाए हैं।
सूत्रों का कहना है हेमाराम चौधरी क्या जयपुर में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से मुलाकात कर सकते हैं। सचिन पायलट ने इस्तीफा देने के बाद टेलीफोन पर बातचीत कर उनकी नाराजगी का कारण जानने का प्रयास किया। इसी बीच जाट राजनीति पर आधिपत्य जमाने वाले राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी तत्काल बयान जारी कर कहा कि हेमाराम चौधरी हमारी पार्टी के वरिष्ठ विधायक है और वह किस बात से नाराज है उनकी नाराजगी शीघ्र दूर की जाएगी।
पचपदरा से कांग्रेस के विधायक मदन प्रजापत ने भी हरीश चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जिले में उनकी भी नहीं चल पा रही है। वे भी प्रजापत हत्याकांड के बाद से नाराज चल रहे हैं। फिलहाल हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद आया भूचाल क्या स्थाई तौर पर थम पाएगा या नहीं यह तो आने वाला समय ही तय करेगा।
इस बीच कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में उबाल शुरू हो गया है। सचिन पायलट खेमे के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी भी हेमाराम चौधरी के खुलकर समर्थन में उतर आए हैं। सोलंकी ने कांग्रेस विधायकों की सुनवाई नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत से विधायकों की ऐसी ही हालत है। इसमें हर गुट के विधायक हैं, इसमें किसी गुट से मतलब नहीं है। सीनियर विधायकों की सरकार में सुनवाई नहीं हो रही है। कई विधायक अंदर ही अंदर घुट रहे हैं, कई मजबूरी के कारण चुप हैं। जो सहन नहीं कर पाए उन्होंने खुलकर बोल दिया। हेमाराम से बर्दाश्त नहीं हुआ, इसलिए इस्तीफा दे दिया। सोलंकी ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होगी और काम नहीं होंगे तो उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ेगा।
सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को हेमराम चौधरी की वाजिब मांगों की सुनवाई करके उन्हें पूरा करना चाहिए। इतने सीनियर नेता को यूं नहीं छोड़ना चाहिए, उन्हें मनाना चाहिए। उनकी वाजिब मांगों को तवज्जो नहीं दी जा रही थी, इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है। सचिन पायलट खेमे और खुद के अगले कदम के बारे में सोलंकी ने कहा, अभी तो सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि हेमाराम चौधरी को मनाया जाए, उनकी बात को सुना जाए।
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