आज हम आपको बतायेगे की आखिर क्या वजह है की युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ जगह-जगह न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया पर झूठ बोलते हुए या विवादित ब्यान देते हुए नजर आते है आते है। दरअसल,यह बात है आठ साल पहले की,जब योगराज उम्मीद कर रहे थे कि, उनके बेटे को कप्तानी मिलेगी लेकिन इसके बजाय धोनी कप्तान बने, जो कि उस समय युवराज के अपरिपक्व व्यवहार और बुरी संगत को देखते हुए बीसीसीआई द्वारा सही फैसला था। इसके बाद से भारतीय टीम और बीसीसीआई पर धोनी की पकड़ मजबूत से और मजबूत होती गई और टीम में युवराज की अहमियत धोनी से काफी कम रह गई।
यह देखते हुए कि, युवराज ने भारत की टीम में धोनी से पहले डेब्यू किया था, उनके पिता इस बात को पचा नहीं पाए कि धोनी उनके बेटे से बेहतर हैं। इसलिए वह धोनी को हमेशा द्वेष भावना से देखने लगे।
विश्व कप टीम से युवराज का बाहर होना सिर्फ एक और कारण था कि उन्होंने धोनी पर इस तरह के गैर-समझदार बयान दिए।
यदि आप युवी की पुस्तक “मेरे जीवन का परीक्षण” पढ़ते हैं, तो आपको पता चलेगा कि उनके पिता एक सामान्य व्यक्ति नहीं हैं। उनके पास अलग मनोविज्ञान है और वह बहुत आक्रामक प्रवर्ति के है। उन्हें अपने जीवन में कई असफलताएं मिलीं जैसे उन्होंने कुछ टेस्ट मैच खेले और बाद में टेस्ट टीम से बाहर कर दिया, इससे उनका दिल टूट गया और फिर उन्होंने बचपन में युवी को क्रिकेट खेलने के लिए मजबूर कर दिया, चाहे उनका बेटा कोई भी हो।
उनके(योगराज सिंह) कुछ आपराधिक रिकॉर्ड भी हैं। वह युवी को टीम से लगातार बाहर देख कर काफी निराश थे, खासकर जब विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया है। वह एक पिता हैं और उनके बेटे के लिए उनकी भावनाएं हैं लेकिन जैसा कि बताया गया है कि वह थोड़े असामान्य है, बहुत आक्रामक है, पता नहीं वह गुस्से में क्या बोल जाते है। वह बोलने से पहले कभी नहीं सोचते हैं और उन्हें लगता है कि धोनी अपराधी हैं इसलिए वह धोनी पर आरोप लगा रहे हैं और उनके बारे में गलत बयान दे रहे हैं।