सीकर। राजस्थान के सीकर जिले में एक सरकारी शिक्षिका ने अपने बेटे की मौत के बाद बहू को पढ़ा लिखाकर न केवल काबिल बनाया बल्कि उसकी दुबारा शादी करके घर से बेटी की तरह विदाकर समाज में एक मिशाल कायम की है।
जिले के रामगढ़ शेखावाटी के ढांढण गांव की सरकारी शिक्षिका कमला देवी के बेटे शुभम बांगड़वा की शादी मई 2016 में ताजसर की सुनीता से हुई थी। इसके बाद सितंबर में शुभम एमबीबीएस करने किर्गिस्तान चला गया। जहां शादी के छह महीने बाद में अचानक आए बेन स्ट्रोक से उसकी मृत्यु हो गई।
बहू सुनीता को अकेलापन महसूस ना हो इसके लिए सरकारी शिक्षिका ने पहले तो उसे बेटी के रूप में रखा और फिर उसकी इच्छा अनुसार पढ़ाया। सुनीता ने भी मेहनत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और वर्ष 2021 में पहले ही प्रयास में सरकारी व्याख्याता की नौकरी अर्जित कर ली। समाज के लोगों ने शिक्षिका कमला और उसके पति के इस कार्य की सराहना की।
सास से मां बनी कमला यहीं ही नहीं रुकी। उसने अपने परिवार को एक कर सुनीता की दूसरी शादी करने की इच्छा जाहिर की। जिस पर बहू सुनीता ने मना किया परंतु पूरे परिवार ने उसे बेटी मानकर जब अपनी अपनी भावना व्यक्त की तो सुनीता मान गई। इसके बाद तलाश शुरू हुई लड़के की जो चंद्रपुरा के मुकेश मावलिया के यहां पूरी हुई।
मुकेश व सुनीता की शादी की बात चली तो लड़के वालों ने भी इसे सहर्ष स्वीकारा। दोनों की धूमधाम से शादी हो गई। सुनीता की सास कमला और ससुर ओमप्रकाश ने कन्यादान किया। मुकेश भोपाल में कैग ऑडिटर है तो सुनीता चूरू जिले के सरदारशहर के नैणासर सुमेरिया में इतिहास की व्याख्याता है।