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WIl pilot visit crash or take off the congress! - Sabguru News
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कांग्रेस के ‘पायलट’ की क्रेश लैंडिंग या टेक ऑफ!

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कांग्रेस के ‘पायलट’ की क्रेश लैंडिंग या टेक ऑफ!
सिरोही के जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियो की बैठक लेते उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट।
सिरोही के जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियो की बैठक लेते उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट।
सिरोही के जिला परिषद सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियो की बैठक लेते उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के रविवार के सिरोही दौरे से पहले कांग्रेस और स्थानीय लोगों में जो उत्साह दिख रहा था वह कांग्रेस के लिए क्रेश लैंडिंग साबित होगा या कांग्रेस को टेक ऑफ करवाने वाला साबित होगा यह तो समय बताएगा।

पायलट के सामने प्रशासनिक मशीनरी में व्याप्त अनियमितता और अहंकार के कई मामले आए। जो ये बताने के लिए काफी हैं कि जिले में और प्रदेश में कांग्रेस की दुर्गत के पीछे की अहम वजह क्या थी।

हालात ये रहे कि उनके जाने के बाद पार्टी और प्रशासनिक स्तर पर दौरे के मकसद और उद्देश्य के बारे में जानकारी ली तो यही जवाब मिला कि कुछ खास नहीं। लेकिन यहां से जाने के बाद उनके सामने जनप्रतिनिधियों द्वारा रखी गई समस्याओं पर होने वाली कार्रवाई ये तय करेगी कि आगे पायलट कांग्रेस को टेक ऑफ करवाएंगे या क्रेश।

बैठक में पता चला कि आखिर क्यों हारी कांग्रेस

जिले में प्रशासनिक अधिकारियो की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उठे मुद्दों से ये पता चलना मुश्किल नहीं था कि कांग्रेस का लोकसभा में दुर्गत का कारण क्या था। दिसम्बर में सरकार बनते ही पंचायतों के टीएफसी, डीएमएफसी जैसी विकास के काम को करने वाली सभी योजनाओं को ब्रेक लगा दिया और जून तक इस पर कोई काम नहीं किया।

जिला प्रमुख ने जल स्वावलंबन में डायवर्ट किए गए टीएफसी की राशि को दिलवाने की बात उनके सामने रखी। वहीं आवल से मावल तक की सड़क बनाने के मुद्दे पर जब बात हुई तो सामने आया कि ये माइनिंग क्षेत्र है। इस पर पायलट ने इस सड़क को डीएमएफसी के बजट से काम करवाने की बात की तो जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया ने उनसे बताया कि इस बजट पर राज्य सरकार ने जनवरी से ही रोक लगा दी जिससे कई काम अधूरे रह गए हैं।

पायलट का बैठक में मुख्य चर्चा का बिंदु शहरी और ग्रामीण पेयजल वितरण व्यवस्था दुरुस्त करने और अकाल के से हालत में ग्रामीण रोजगार रहा। इस दौरान नरेगा में फर्जी नामों के शामिल होने की बात सामने आने पर उन्होंने जिला कलेक्टर को इसकी जांच के निर्देश दिए। वहीं पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रभावी मोनिटरिंग पर ध्यान देने को कहा।

सिरोही एमएलए संयम लोढ़ा ने गुलाबगंज-माउंट आबू मार्ग बनवाने को लेकर कार्य किए जाने की आवश्यकता बताई, इसके लिए पायलट ने साथ में आए वन मंत्री से इस मुद्दे को दिखवाने की बात कही।

रेवदर एमएलए जगसीराम कोली ने मंडार-रेवदर के बीच से निकलने वाले हाई-वे के कारण होने वाली समस्या से अवगत करवाते हुए बाई पास बनवाने की मांग उठाई। आबू-पिंडवाड़ा विधायक समागम गरासिया ने आदिवासी क्षेत्र की समस्या को उनके समक्ष रखा।

पार्टी के सम्बंध में कुछ नया नहीं

सचिन पायलट जिले आकर प्रदेशाध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में विशेष जान नहीं फूंक पाए। सर्किट हाउस में जिले भर से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उन्हें माला पहनाई, अभिनंदन किया। यहां भी कांग्रेस के सभी गुट खिंचे-खिंचे ही नजर आए जो स्पष्ट बता रहा था कि पायलट का करिश्मा यहां काम नहीं कर पाया और न ही अनुशासनहीनता की इस स्थिति में ये आगे काम करने की कोई संभावना नजर आ रही है। इस दौरान पायलट का स्वागत करने वालों में जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य समेत जिले के अन्य जनप्रतिनिधि और कांग्रेस के पदाधिकारी भी थे।