जालोर। जालोर जिले के चितलवाना उपखंड क्षेत्र के देवड़ा गांव में साधारण किसान परिवार में जन्मे और जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान के प्रदेश महामंत्री पीराराम धायल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिन वन्य जीवों का दुलार वे अपने पुत्रों की माफिक कर रहे हैं, उनके बूते उन्हें अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार शाइनिंग वर्ल्ड कंपेशन अवार्ड 2020 के लिए चुना जाएगा।
देश में मेनका गांधी के बाद धायल दूसरे इंसान हैं, जिन्हें सुप्रीम मास्टर चिंग हाई इंटरनेशनल एसोसिएशन की ओर से इस पुरस्कार के लिए चुना गया हैं। वन्य जीवों की रक्षार्थ मिलने वाले इस पुरस्कार में धायल को 16 हजार अमरीकन डॉलर (लगभग बारह लाख रुपए) मिलेंगे।
चितलवाना के देवड़ा निवासी धायल की वर्ष 1989 में सीआरपीएफ में नौकरी लगी थी, लेकिन पांच साल की नौकरी के बाद ही उन्होंने सेवानिवृत्ति ले ली। इस दौरान कुछ साल पहले एक महिला उनके सेंटर पर बिन मां के एक हिरण के छोटे बच्चे को लेकर आई। इस नन्ही सी जान को गोशाला व वन विभाग सहित कई जगह आश्रय के लिए ले जाया गया, लेकिन कोई भी उसे रखने को तैयार नहीं हुआ।
ऐसे में उन्होंने घर पर ही उसका उपचार शुरू किया। ऐसे में एक के बाद एक लोग घायल हिरणों को उनके घर लेकर पहुंचने लगे और आखिरकार उन्हें एक बड़ा रेस्क्यू सेंटर खोलना पड़ा। उन्होंने घर पर ही घायल हिरणों का उपचार करने के लिए एक रेस्क्यू सेंटर शुरू किया। कुछ समय बाद ही सेंटर पर हिरणों का कुनबा बढ़ता गया।
बाद में समाज के सहयोग से उन्होंने धमाणा में बड़ा रेस्क्यू सेंटर खोला और घायल वन्य जीवों का भी उपचार कर सेवा का यह काम शुरू किया। आज इस सेंटर पर हिरण, मोर, कुरजां व बन्दरों सहित हजारों घायल वन्य जीव स्वस्थ होने के बाद स्वच्छंद विचरण करते हैं।
देवड़ा निवासी पीराराम विश्नोई अपनी पत्नी के साथ-साथ परिवार के सदस्यों का सहयोग लेकर हर समय वन्य जीवों की सेवा में लगे रहते हैं। विश्नोई धमाणा के अमृता देवी उद्यान में वन्य जीव हिरण, खरगोश, बंदर, नीलगाय व मोर की सेवा करते हैं।
क्षेत्र में कोई भी वन्य जीव घायल मिलता हैं तो उन्हें तत्काल धमाणा रेस्क्यू सेंटर में लाकर विश्नोई द्वारा उपचार किया जाता है। स्वस्थ होने के बाद वापस वन क्षेत्र में छोड़ देते हैं। विश्नोई ने अब तक करीब 1500 वन्य जीवों की रक्षा की हैं। जबकि, 600 से अधिक हिरण रेस्क्यू सेंटर में मौजूद हैं।
पीराराम धायल को 2 साल पहले रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने भारत का अर्थहीरो अवार्ड 2018 नामक पुरस्कार दिया था। यह पुरस्कार उन्हें वन्यजीवों की रक्षा करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दिया गया था। इस साल उनकी सेवा की गूंज ताइवान और अमरीका तक पहुंच चुकी है। इसकी बदौलत सुप्रीम मास्टर चिंग हाई इंटरनेशनल एसोसिएशन की ओर से अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार शाइनिंग वर्ल्ड कंपेशन अवार्ड 2020 के लिए उनका चयन किया गया। इसमें उन्हें प्रशस्ति पत्र और सोलह हजार अमेरिकन डॉलर की नकद राशि देकर सम्मानित किया जाएगा।
संस्था जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष हीरालाल गोदारा ने बताया संस्था विश्नोई समाज में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली प्रथम संस्था प्रमाणित हो चुकी है। इसके कार्यकर्ताओं ने विभिन्न भारतीय पुरस्कारों के साथ ही दो अलग-अलग अंतराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किए हैं।
संस्था का गठन 8 साल पहले 5 जून 2012 को पर्यावरण दिवस के दिन किया गया था। 26 अक्टूबर 2018 को भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हाथों रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड द्वारा धायल को अर्थ हीरोज अवॉर्ड 2018 प्रदान किया गया था। उन्हें प्रथम राजस्थान स्टेट वाइल्डलाइफ कन्जर्वेशन अवार्ड 2018, नेशनल लेवल वाइल्डलाइफ कन्जर्वेशन अवार्ड 2019 सहित कई अवार्ड मिल चुके हैं।
सुप्रीम मास्टर चिंग हेय इंटरनेशनल एसोसिएशन का मुख्य कार्यालय अमेरिका व ताइवान में हैं। संस्थान ऐसे लोगों का चयन करती हैं, जो वन्य जीवों के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने का कार्य करती हैं। इस अवार्ड के लिए 122 देशों के लोग शामिल होते हैं। इससे पहले मेनका गांधी को अवार्ड व 20 हजार डॉलर से सम्मानित किया जा चुका है।