नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि वह लद्दाख के लोगों की हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वहां के लोगों के साथ सलाह मशिवरे के आधार पर ही निर्णय लिए जाएंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज उनसे मिलने आए लेह और लद्दाख के एक प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में लद्दाख के प्रमुख नेता तथा पूर्व सांसद थिकसे रिनपोछे, थुप्स्तन छेवांग और जम्मू कश्मीर में मंत्री रह चुके छेरिंग दोरजे लकरूक शामिल थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी तथा युवा मामले और खेल राज्य मंत्री किरेन रिजिजू भी इस मौके पर उपस्थित थे।
प्रतिनिधिमंडल को सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया कि भाषा, जनसांख्यिकी, जातीयता, भूमि और नौकरियों से संबंधित सभी मुद्दों पर सकारात्मक रूप से ध्यान दिया जाएगा। यह भी कहा गया कि छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा के लिए पीपुल्स मूवमेंट के तत्वावधान में लेह और करगिल जिलों के प्रतिनिधियों के एक बड़े लद्दाखी प्रतिनिधिमंडल और गृह मंत्रालय के बीच संवाद लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह चुनावों के समापन के 15 दिनों के बाद शुरू होगा। इस संबंध में कोई भी निर्णय लेह और करगिल के प्रतिनिधियों के परामर्श से ही लिया जाएगा।
शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार लेह और करगिल के एलएएचडीसी को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी। साथ ही इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी विकल्प तलाशे जाएंगे।
सरकार लद्दाख के लोगों से संबंधित मुद्दों को देखते हुए देश के संविधान की छठी अनुसूची के तहत उपलब्ध संरक्षण पर चर्चा करने के लिए तैयार है। प्रतिनिधिमंडल ने आगामी लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद-एलएएचडीसी, लेह चुनावों के बहिष्कार के आह्वान को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की और इन चुनावों के सुचारू संचालन के लिए इसे पूर्ण समर्थन देने का वादा किया।
लद्दाख परिषद चुनाव का बहिष्कार वापस लिया
लेह से आए एक राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद स्थानीय लेह लद्दाख स्वायत्तशासी पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव का बहिष्कार वापस लिये जाने की रविवार को घोषणा की।
केंद्रीय राज्य मंत्री (युवा एवं खेल मामले) किरेन रिजिजू ने यहां एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार ने संविधान की छठवीं अनुसूची के तहत लद्दाखी लोगों के संरक्षण को लेकर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया था कि भाषा, जनसांख्यिकी, जातीयता, भूमि और नौकरियों से संबंधित सभी मुद्दों पर सकारात्मक रूप से ध्यान दिया जाएगा। ‘पीपुल्स मूवमेंट फॉर कॉन्स्टीट्यूशनल सेफगार्ड फॉर सिक्स्थ शेड्यूल्ड ’के तत्वावधान में लेह और कारगिल जिलों के प्रतिनिधियों के प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय गृह मंत्रालय के बीच लद्दाख परिषद के चुनाव के समापन के 15 दिन बाद बातचीत शुरू होगी। इस संबंध में कोई भी निर्णय लेह और कारगिल के प्रतिनिधियों के परामर्श से लिया जाएगा।
इस मौके पर पूर्व सांसद थिकसे रिमपोचे ने कहा कि गृह मंत्री के साथ हमारी बैठक बहुत अच्छी रही। उन्होंने हमें आश्वस्त किया है कि वह हमें छठी अनुसूची से अधिक ही देंगे और गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी सोमवार को लद्दाख जाएंगे तथा लेह में सभी राजनीतिक समूहों से बात करेंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में रिमपाेचे ने कहा कि अगर केंद्र लद्दाख के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में विफल रहता है, तो वे अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे। इससे पहले 23 सितंबर को लद्दाख में भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने इस साल 16 अक्टूबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के बहिष्कार करने का आह्वान किया था।