नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहने वाली जननायक जनता पार्टी के प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने राज्य में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस को समर्थन देने के बारे में अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
चौटाला ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट रूप से कहा कि जो उन्हें उचित सम्मान देगा और उनके न्यूनतम साझा कार्यक्रम को मानेगा वह उनके साथ सरकार में शामिल होंगे।
चौटाला को आज पार्टी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। बैठक के बाद चौटाला ने पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी की बैठक में कुछ विधायकों ने भाजपा काे समर्थन देने का प्रस्ताव किया तो कुछ ने कांग्रेस को समर्थन देने का प्रस्ताव किया है लेकिन अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि वह राज्य में सरकार बनाने के लिए किस पार्टी का समर्थन करेंगे, उन्होंने कहा कि वह अपने विधायकों से बातचीत करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी मुलाकात भाजपा या कांग्रेस के नेताओं से हुई है, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मुलाकात अभी किसी से नहीं हुई है।
चौटाला ने कहा कि वह राज्य के विकास के लिए काम करना चाहते हैं और युवाओं को रोजगार दिलाने का प्रयास करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बना रहे हैं और जो पार्टी उनके कार्यक्रम का समर्थन करेगी और सम्मानजनक स्थान देगी, उनके साथ मिलकर वह सरकार बनाएंगे।
यह कहे जाने पर कि भाजपा सरकार बनाने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल कांडा का भी समर्थन लेना चाहती है, चौटाला ने कहा कि कांडा जननायक जनता पार्टी के साथ कभी नहीं थे और यह भाजपा जाने, उनका कांडा से कोई रिश्ता नहीं।
गौरतलब है कि भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कांडा का समर्थन लिए जाने की कोशिशों पर गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए पार्टी को सलाह दी है कि वह सत्ता के लिए अपने नैतिक आधार को न भूले और बेदाग लोगों के साथ सरकार बनाए।
हरियाणा विधानसभा में भाजपा 40 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। नब्बे सदस्यीय विधानसभा में जननायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिली हैं। सात सीटों पर निर्दलीय और दो पर अन्य जीत हासिल करने में कामयाब हुए हैं।