काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर नियंत्रण के बाद आतंकवादी संगठन तालिबान ने साेमवार को कहा कि युद्ध समाप्त हो गया है और देश की जनता के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
तालिबान के उप नेता मुल्ला अब्दुल गनी बारादर ने घोषणा की है कि युद्ध समाप्ति के बाद अब तालिबान देश की जनता के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करेगा। मुल्ला बारादर ने कहा कि हम देशवासियों को बेहतर जीवन प्रदान करेंगे और देश की सुरक्षा तथा समृद्धि की दिशा में कार्य किया जाएगा।
मुल्ला बारादर का यह बयान ऐसे समय आया है जब अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अधिकतर देश अपने राजनयिकों तथा स्टाफ को यहां से निकालने की फिराक में हैं।तालिबान के काबुल पर नियंत्रण के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं और हजारों अफगानी नागारिक भी यहां से बाहर जाने का प्रयास कर रहे हैं।
तालिबान ने यह भी कहा है कि वह देश में कड़े शरिया कानून लागू करेगा और इसका नाम इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान करने की घोषणा की है। तालिबान के वार्ताकार सुहैल शाहीन ने कहा है कि उन्होंने अपने मुजाहिदीनों को बिना इजाजत के लोगों के घरों में नहीं घुसने के आदेश दिए हैं।
शाहीन ने कहा कि इस्लामिक अमीरात ने मुजाहिदीन को आदेश दिए हैं और एक बार फिर उन्हें लोगों के घरों में बिना किसी इजाजत के नहीं निर्देश दिए गए हैं। किसी भी व्यक्ति की संपति, जीवन और सम्मान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और मुजाहिदीन उनकी रक्षा करेंगे।
इस बीच इस आशय की रिपोर्टें भी हैं कि पाकिस्तान ने तालिबान के एक शीर्ष नेता मुल्ला मोहम्मद रसूल अखूंद को जेल से रिहा कर दिया है। रसूल तालिबान नेतृत्व परिषद का पूर्व सदस्य है और तालिबान से अलग हुए धड़े का नेता रहा है।
एक अन्य घटनाक्रम में तालिबान ने काबुल में राष्ट्रीय सुरक्षा जेल महानिदेशालय से हजारों बंदियों को रिहा कर दिया है और इनमें तहरीके तालिबान पाकिस्तान का पूर्व उप प्रमुख मौलवी फकीर मोहम्मद भी शामिल है।
तालिबान ने परवान प्रांत की राजधानी छारीकर और पंजशीर क्षेत्र पर अभी तक अपने नियंत्रण की घोषणा नहीं की है। इन दोनों क्षेत्रों के अलावा तालिबान का पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा हो गया है। इसके अलावा तालिबान ने सभी क्षेत्रों की जेलों को बंद कर दिया है और इनके सभी कैदियोंं काे भी छोड़ दिया है।