पठानकोट। पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को धूल चटाने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान एक बार फिर चर्चा में है। उन्होंने एयरफोर्स चीफ मार्शल बीएस धनाेआ के साथ मिग-21 उड़ाकर शानदार वापसी की है। जी हां, अभिनंदन वर्तमान ने सोमवार को एक बार फिर मिग-21 उड़ाया। उन्होंने एयर चीफ मार्शल के साथ पठानकोट एयरबेस से फाइटर प्लेन उड़ाकर शानदार वापसी की है।
फरवरी में जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर आत्मघाती आतंकवादी हमले के बाद बालाकोट स्थित आतंकवादी अड्डों पर 27 फरवरी को वायु सेना ने कार्रवाई की थी। भारत की इस कार्रवाई पर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की थी।
अभिनंदन ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था लेकिन उनका विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और वह पाकिस्तान क्षेत्र में पहुंच गए थे। उन्हें पाकिस्तान में हिरासत में ले लिया गया था। भारत की तरफ से चौतरफा दबाव के बाद अभिनंदन को पाकिस्तान को जल्द ही रिहा करना पड़ा था।
स्वदेश वापसी के बाद विंग कमांडर पिछले कई महीने से मिग नहीं उड़ा रहे थे और आज वायुसेना प्रमुख धनोआ के साथ इस जांबाज ने फिर उड़ान भरी। अभिनंदन को स्वंत्रतता दिवस के मौके पर वीर चक्र से सम्मानित किया था।
पाकिस्तान से लौटने के बाद विंग कमांडर के दोबारा विमान उड़ाने को लेकर तमाम आशंकाएं व्यक्त की गईं थी। उस समय वायुसेना प्रमुख ने स्पष्ट किया था कि चिकित्सीय फिटनेस के बाद ही अभिनंदन के दोबारा विमान उड़ाने के संबंध में कोई फैसला लिया जाएगा।
वायुसेना के बेंगलूरु स्थित इंस्टीट्यूट आफ एरोस्पेस मेडिसिन की तरफ से विंग कमांडर को पिछले माह को दोबारा विमान उड़ाने के लिए मंजूरी दी गई थी। अभिनंदन को दोबारा उड़ान भरने की अनुमति देने से पहले उनकी पूरी चिकित्सा जांच की गई थी और वह इसमें फिट पाए गए थे।
विंग कमांडर अभिनंदन सोमवार को पठानकोट एयरबेस से मिग-21 के प्रशिक्षण वर्जन के जरिए फिर से आसमान में लौटे। विंग कमांडर का हौसला बढ़ाने के लिए धनोआ भी विमान में उनके साथ रहे।
एयरफोर्स चीफ ने इस बारे में कहा कि मेरे लिए अभिनंदन के साथ उड़ान भरना खुशी की बात है। अब उन्हें वापस उनकी फ्लाइंग कैटेगरी मिल चुकी है। जिसके लिए पूरा देश इंतजार कर रहा हैं। मैंने भी 1988 में इजेक्ट किया था, मुझे फिर से उड़ान भरने में 9 महीने लगे थे। लेकिन अभिनंदन ने सिर्फ 6 महीने के भीतर ही वापसी कर ली जो ख़ुशी की बात है।
उन्होंने आगे बताया कि मैं कारगिल में लड़ा और अभिनंदन बालाकोट में लड़े। खास बात यह है कि मैंने अभिनंदन के पिता के साथ भी उडा़न भरी थी और अब इनके साथ भी उड़ान भरी है।