संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से इस बार शुरू होगा। मोदी सरकार के दोबारा केंद्र की सत्ता में आने के बाद यह दूसरा संसद सत्र होगा। यह सत्र 13 दिसंबर तक चलने की उम्मीद है । पिछले दो सालों में शीतकालीन सत्र 21 नवंबर को शुरू हुआ था और जनवरी के पहले सप्ताह तक चला था।
इस सत्र में सरकार कई बिल को पारित करा सकती है। वहीं विपक्षी पार्टियां कश्मीर में प्रतिबंध, मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में रखे जाने और आर्थिक सुस्ती जैसे मुद्दों को उठाएगी और सरकार को घेरेग। सरकार दो महत्वपूर्ण अध्यादेशों को कानून बनाने की योजना पर भी काम कर रही है।
इनमें से एक अध्यादेश सितंबर में आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन के लिए जारी किया गया था। दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था जो ई-सिगरेट और इसी तरह के उपकरणों की बिक्री, निर्माण और भंडारण पर प्रतिबंध से संबंधित है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के दोबारा केंद्र की सत्ता में आने के बाद पहला सत्र 17 जून से 6 अगस्त तक चला था। इसे सभी दलों से विचार-विमर्श करने के बाद बढ़ा दिया गया थ । इस सत्र में पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने संबंधी प्रस्ताव पास करवाए थे।
इसी सत्र में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने संबंधी बिल को मंजूरी मिली थी। 18 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र का मोदी सरकार के साथ विपक्ष को भी बेसब्री से इंतजार है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार