नई दिल्ली। दिल्ली हवाई अड्डे पर टैक्सीबोट का इस्तेमाल कर दो साल में 214 किलोलीटर विमान ईंधन की बचत हुई है जिससे कार्बन उत्सर्जन भी 532 टन कम हुआ है।
टैक्सीबोट का इस्तेमाल विमान को रनवे तक ले जाने में किया जाता है। इससे रनवे तक जाने और रनवे से पार्किंग तक आने में विमान का इंजन चालू नहीं करना होता है जिससे कीमती विमान ईंधन की बचत के साथ कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है।
दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने आज बताया कि मई 2019 में पहली बार इसके प्रयोग के बाद से हवाई अड्डे पर टैक्सीबोट के एक हजार फेरे पूरे हो गए हैं। इस दौरान 214 किलोलीटर विमान ईंधन की बचत हुई है। इतने विमान ईंधन के जलने से तकरीबन 532 टन कार्बन उत्सर्जन होता।
अभी दिल्ली हवाई अड्डे पर दो टैक्सीबोट हैं जिनका इस्तेमाल तीन विमान सेवा कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। अगले चार साल में इनकी संख्या बढ़कर 15 होने की उम्मीद है।