जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महंगाई कम करने के लिए पेट्रोल एवं डीजल पर और उत्पाद शुल्क कम करने की केन्द्र सरकार से मांग की है।
गहलोत ने केन्द्र सरकार के उत्पाद शुल्क कम करने के ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां के राज्य सरकार को भी वेट घटाकर प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि केन्द्र द्वारा उत्पादक शुल्क कम करने के साथ ही राज्यों का उसी अनुपात में वेट स्वतः ही कम हो जाता है, फिर भी हमारी मांग है कि महंगाई को कम करने के लिए केन्द्र को और अधिक उत्पादक कम करनी चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि उत्पाद शुल्क में और कमी करके महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत प्रदान करे। हमारी सरकार इससे होने वाली वेट राजस्व की हानि को जनहित में उठाने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि उत्पादक शुल्क कम करने के साथ ही राज्यों का वेट स्वत: ही कम हो जाता है, इसलिए केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर पांच रुपए प्रति लीटर तथा डीजल पर दस रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क कम करने से वेट की दर में पेट्रोल पर 1.8 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल पर 2.6 रुपए प्रति लीटर कमी होगी। इससे राज्य के वेट राजस्व में लगभग 1800 करोड़ प्रति वर्ष की हानि होगी। इस प्रकार राज्य में पेट्रोल 6.8 रुपए प्रति लीटर तथा डजल 12.6 रुपए प्रति लीटर सस्ता होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला प्रशासन आयॅल कंपनियों एवं पेट्रोल पंपों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेट्रोल एवं डीजल की दरों में कमी का लाभ सीधा आमजन को मिले। हम जानते हैं कि जितनी उत्पाद शुल्क केन्द्र कम करेगा उसी के अनुपात में वेट स्वत: ही कम होता है, जैसा कि कल के फैसले से 1800 करोड़ का राजस्व राज्य को कम मिलेगा एवं गत 29 जनवरी को दो प्रतिशत वेट राज्य सरकार ने कम किया था तो एक हजार करोड़ की राजस्व हानि हुई। इस प्रकार कुल 2800 करोड़ के राजस्व की हानि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रारंभ से ही केन्द्र सरकार को उत्पाद शुल्क कम करने का आग्रह करते रहे है जिससे आमजन को उत्पाद शुल्क एवं वेट में कमी का लाभ एक साथ मिल सके।