सबगुरु न्यूज। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर हमारे देश में लगभग सवा महीने से अधिक लॉकडाउन को हो गया है। 25 मार्च से देश में जब पहला लॉकडाउन लगाया गया था तब देशवासियों को ऐसी उम्मीद थी कि यह महामारी नियंत्रण में आ जाएगी और लगाई गई पाबंदी हट जाएंगी जबकि ऐसा हुआ नहीं। लेकिन कोरोना संकरण के मामले लगातार बढ़ते गए हालात भयावह होने पर एक बार फिर केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल को दूसरा लॉकडाउन फिर 3 मई से 17 मई तक तीसरा लॉकडाउन लगा दिया।
पिछले कुछ दिनों से इस महामारी के लगातार पांव पसारने और जो रिपोर्टें आ रही हैं वह साफ संकेत दे रही हैं कि हाल फिलहाल देश-दुनिया भर में इस खतरनाक जानलेवा संक्रमण से राहत नहीं मिलने वाली है। जो लोग अगर यह सोच रहे हैं कि लॉकडाउन हट जाएगा और सब कुछ इतनी जल्दी सामान्य हो जाएगा, उन्हें एक बार फिर 17 मई के बाद भारी निराश होना पड़ेगा। पिछले 4 दिनों के आंकड़े अगर हम देखें तो देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं वहीं मौतों की संख्या में भी भारी इजाफा हो रहा है। चाहे भारत सरकार हो या दुनिया के कई देश जिस प्रकार से इस महामारी से निपटने के लिए दिन-रात तैयारी में लगे रहना, यह बताता है कि यह लड़ाई लंबी चलने वाली है।
यह खतरनाक वायरस अब कुछ महीनों तक जरूर हमारी जिंदगी का हिस्सा बना रहेगा। आप देशवासियों को इसी के अनुसार जीवन जीने के लिए अपने आप को ढालना होगा और उसी के अनुसार दिनचर्या भी शुरू करनी होगी। बाजार या किसी सार्वजनिक स्थानों में जाते हुए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर क्या अच्छी तरह ध्यान रखना होगा। घर लौटने पर अच्छी तरह हाथ धोने की आदत डालनी होगी।
यही नहीं घर से बाहर बार-बार जाने की दिनचर्या में भी सुधार करना होगा। सही मायने में आप लंबे समय तक बहुत कुछ ऐसा आपको नहीं करना होगा जैसा कि अभी तक आप करते आए हैं। भारत ही नहीं इस महामारी से अमेरिका इंग्लैंड, फ्रांस, इजराइल, इटली आज देश बुरी तरह प्रभावित हैं। सबसे अधिक तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका इस महामारी से लगातार अपने लोगों की मौतों का आकलन करने में लगा हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुरी तरह तिलमिला आए हुए हैं। वह सारा दोष इसका चीन पर ही लगा रहे हैं।
केंद्र सरकार भी लंबा समय तक आपका साथ नहीं दे पाएगी
ऐसा नहीं है कि इस महामारी से आम लोग ही प्रभावित हैं बल्कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी अर्थव्यवस्था का रोना रो रही हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लगातार इस महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन और गाइडलाइन से लोगों को जागरूक करने में लगी हुई हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह सरकारें लोगों कितने लंबे समय तक दिशा निर्देश जारी करती रहेंगी।
इस संक्रमण से बचने के लिए सरकारों ने बचाव और उपाय के सभी तरीके देशवासियों को सैकड़ों बार समझा दिए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो अपने देश में कितनी मौतें होनी है यह भी कई बार सार्वजनिक रूप से जाहिर भी कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि इस महामारी से अमेरिका में कम से कम एक लाख मौतें होनी है। अब आप दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपति की बातों से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह महामारी समाज में कितनी गहरी जड़ें जमा चुकी हैं।
प्रवासी भारतीयों की वापसी बता रही है कि लड़ाई अभी लंबी है
पिछले कुछ दिनों से अमेरिका, सिंगापुर, इंग्लैंड, फ्रांस, यूएई, आदि देशों से प्रवासी भारतीयों की फ्लाइट से हो रही देश वापसी साफ इशारा कर रहा है कि अभी इस महामारी की लड़ाई हमें लंबी लड़नी होगी। अगर कोरोना वायरस से आने वाले दिनों में हालात सामान्य होने के आसार अगर होते तो यह प्रवासी भारतीय अभी अपने देश शायद न लौटते न ही केंद्र सरकार इनकी मदद करने को आगे आती।
अब हम बात करें अपने देश में यहां भी जो अन्य राज्यों से अपने राज्य मजदूरों, कामगारों की ट्रेनों से वापसी के हालात बयां कर रहे हैं कि देश में अभी फिलहाल परिस्थितियां सामान्य नहीं होने वाली है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान को लौट रहे यह वही कामगार है जो जिस राज्य से आ रहे हैं उसी राज्य में रहकर उसे सजाने, संवारने और अर्थव्यवस्था में विशेष योगदान देते हैं।
इस महामारी से निपटने के लिए देश-दुनिया को वैक्सीन का ही सहारा
पिछले कुछ दिनों से कई देशों से खबरें आ रही हैं कि वहां इस कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन इजाद कर ली गई है। ये खबर जरूर राहत देती है लेकिन अभी वैक्सीन आने में समय लगेगा। इंग्लैंड ने पहले दावा किया था कि वैक्सीन हम बनाने के बहुत करीब हैं। उसके बाद नीदरलैंड, इजराइल, अमेरिका भी दिन रात वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है।
इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए एक्सपर्ट और वैज्ञानिक भी मान चुके हैं कि वैक्सीन ही सर्वोत्तम दवा रहेगी। हम आपको बता दें कि किसी भी नई दवा के बाजार में आने के लिए बहुत लंबी प्रक्रिया होती है कई चरणों से इसको गुजरना होता है। अमेरिका इंग्लैंड इजरायल समेत दुनिया के 100 देश ऐसे हैं जो कि इस वैक्सीन को बाजार में लाने के लिए बहुत तेजी दिखा रहे हैं। यह देश सीधा ही मनुष्यों पर परीक्षण करने में लगे हुए हैं।
वैक्सीन के लिए भी कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा
इजराइल, इंग्लैंड ने इसी साल सितंबर में वैक्सीन लाने का दावा किया तो अमेरिका ने इस वर्ष के अंत तक वैक्सीन के बाजार में आने का दावा किया है। इन देशों के दावे को अगर हम सच मान मिले जब भी इस महामारी से निपटने के लिए हमें कुछ महीने जरूर लग सकते हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि अभी वैक्सीन भले ही इस महामारी से निपटने के लिए सबसे अच्छी मानी जा रही हो, लेकिन जब तक इसके संक्रमित मरीजों पर परिणाम कितने कारगर होंगे कुछ कहा नहीं जा सकता है। भारत में भी पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से वैक्सीन को लेकर लंबी चर्चा की थी। हमारे देश में भी कई कंपनियां वैक्सीन बनाने में रात दिन लगी हुई हैं। देश ही नहीं दुनिया भर के तमाम कोरोना से पीड़ित देश वैक्सीन पर ही उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन इसका इंतजार अभी लंबा करना होगा।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार
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