सबगुरु न्यूज-सिरोही पूर्व विधायक संयम लोढा ने कहा कि कुदरत ने स्त्री को अद्वितीय क्षमता दी है। जिसका समाज को रचनात्मक नजरिये से उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि महिलाओं के प्रति दकियानूसी सोच में बदलाव आया है, लेकिन वो बेहद मामूली है। आज भी हम समाज की आधी षक्ति का और क्षमता का पूरा उपयोग नही कर पा रहे है। यह सही हैै कि आज का समय महिलाओं के लिए पहले से बेहतर है। प्रगतिषील सोच को लेकर हमारा समाज आगे बढ रहा है।
लोढा यहां अनादरा चौराहा स्थित सुनहरी कुंज में सिरोही जिला महिला कांग्रेस के तत्वाधान में आयोजित मैं साहस हूं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने परिवार का उदाहरण देकर कहा कि षिवगंज में उनकी दादी एक हाथ लम्बा घूंघट निकाल कर निकलती थी लेकिन उन्हीं दादी ने अपनी बेटी को इतना पढाया कि वो देष में जर्मन भाषा विज्ञान पर षोध करने वाली पहली महिला बनी। हमारी सभी बेटियों में सामथ्र्य हैं, हमें उसे पहचानना होगा।
लोढा ने स्वामी विवेकानन्द के हवाले से मां होने का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान भी एक महिला जिस ढंग से घर परिवार सब का ख्याल रखती है और समान रूप से सारे काम करती है यह उनके धैर्य और क्षमता की पराकाष्ठा है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपने आस पडौस में जहां कहीं भी किसी महिला को मदद की आवश्यकता हो उसे सहयोग करें।
उन्होंने महिलाओं से यह भी अपील की कि बच्चों से कहीं भी किसी भी स्तर पर मारपीट नहीं होनी चाहिए। हमारी आदत है कि बच्चा छोटी सी भी गलती करता है तो हम हाथ उठा देते है। इससे बच्चे के कोमल मन पर बेहद विपरित प्रभाव पडता है। वह डरा हुआ रहता है। उसका व्यक्तित्व नहीं बन पाता है। हर परिस्थिति में बच्चों को प्यार दें।
सिरोही जिला महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष हेमलता शर्मा ने कहा कि पारिवारिक परिस्थितियों के कारण वे ज्यादा नहीं पढ पाई लेकिन महिला आरक्षित सीट पर वे पहली बार जब कालन्द्री की सरपंच बनी तो समय ने उन्हें बहुत कुछ सीखाया। संघर्ष ने इतना मजबूत कर दिया कि दूसरी बार सामान्य सीट पर आठ पुरूषों को हराकर वह दुबारा सरपंच बनी। उन्होंने कहा कि सरपंच बनने के बाद वे फिर पढने के लिए प्रेरित हुई और 75 फीसदी अंकों के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की।
उन्होंने महिलाओं से अपील कि महिलाएं खुद को कभी कमजोर न समझें। गलत चीज को सहन न करें। अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करें। आने वाला समय उनका है। राजस्थान न्यायिक सेवा में लडकियों की 30 प्रतिषत पद आरक्षित है लेकिन साठ प्रतिषत पदों पर उनका चयन हुआ है। एक गीत के माध्यम से उन्होंने महिलाओं को उठने, खडा होने और आगे बढने का आह्वान किया।
प्रदेष महिला कांग्रेस की ओर से सिरोही जिला प्रभारी रेखा लोहिया ने गांव गांव जाकर महिला कांग्रेस का संगठन खडा करने का आह्वान किया। सेंट मीरा शिवगंज की निदेशक रेखा राजावात ने कहा कि हमें अपने क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। अभी प्रतिभाओं का पलायन हो रहा है। अधिवक्ता मीनाक्षी गौतम ने महिलाओं से कहा कि लडकियों का मानसिक विकास आवश्यक हैै। कानून इस समय हर स्तर पर महिला के हक में खडा है।
टीवी पत्रकार खुशबू रावल ने अपना अनुभव साझा किया कि वे किन परिस्थितियों में पढी। कालन्द्री जैसे छोटे गांव में जन्मी एक लडकी अभी इण्डिया टीवी के माध्यम से लोगों की तकलीफ को उठा रही है। उद्यमी रिंकू कंवर ने कहा कि व्यावसायिक अनुभव न होने के बावजूद परिस्थितियों ने उन्हें व्यवसाय के क्षेत्र में खडा कर दिया।
कार्यक्रम में विजय लक्ष्मी पटेल, शशि कान्ता जोशी, कुन्ती देवडा, हंजा मेघवाल, पूरण कंवर, आरती भील, अनिता कंवर, सीता पुरोहित, पींकी रावल, रेणुलता व्यास, भगवती व्यास, रूक्मणी देवासी, रेखादेवी, ललिता गरासिया, श्रीमती इम्तियाज पठान, मीना सैन, रसिया बानो, उषा देवासी, सुमित्रा मेघवाल, सरोज वैष्णव, मुनिया कुमारी, बबीता गर्ग, पींकी मेघवाल, अंजू कुंवर, पिंकी मेघवाल पिण्डवाडा एवं पूर्व उपप्रधान मोतीसिंह देवडा ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन कामिनी शर्मा ने किया।
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