ब्यूनस आयर्स । भारतीय अंडर-18 महिला और पुरूष हॉकी टीमों को तीसरे यूथ ओलंपिक खेलों के फाइनल में अर्जेंटीना और मलेशिया के हाथों पराजय झेलने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा है।
यूथ ओलंपिक में हॉकी की फाइव ए साइड प्रतियोगिता के फाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम को अर्जेंटीना के हाथों 1-3 से शिकस्त मिली जबकि पुरूष टीम को मलेशिया ने 2-4 से हराया।
महिला टीम ने अपने मैच में कड़ी चुनौती पेश की लेकिन अंतत: उसे मेजबान टीम से हार झेलनी पड़ी। भारत के लिये एकमात्र गोल मुमताज़ खान ने किया और पहले ही मिनट में टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। लेकिन फिर भारतीय टीम विपक्षी टीम के डिफेंस को भेद नही सकीं।
पार्क पोलिडेपोर्टिवो रोका स्टेडियम में खेले गये रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारत ने अपनी बेहतरीन लय दिखाते हुये मैच के 49वें सेकंड में ही मुमताज़ के गोल से 1-0 की बढ़त बना ली। लेकिन अर्जेंटीना के लिये गियानेला पालेट ने सातवें, सोफिया रामोला ने नौवें और ब्रिसा ब्रुगेसेर ने 12वें मिनट में गोल कर अपनी टीम की जीत सुनिश्चित कर दी।
भारत ने पहले क्वार्टर में फारवर्ड मुमताज़ के गोल से अहम बढ़त हासिल की। लेकिन विपक्षी टीम ने सातवें ही मिनट में पालेट की मदद से बराबरी का गोल हासिल कर लिया। इसके दो मिनट बाद सोफिया के गोल से अर्जेंटीना ने 2-1 की बढ़त बना ली।
दूसरी ओर युवा ओलंपिक में भारतीय महिला और हॉकी टीमों ने भी रजत पदक के साथ इतिहास रच दिया है। युवा ओलंपिक में भारत ने पहली बार हॉकी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और पहले ही प्रयास में उसकी दोनों टीमों ने फाइनल में जगह बनाई और रजत पदक अपने नाम किये।
पुरूष टीम ने भी अपने मैच में मलेशिया के सामने काफी चुनौती पेश की। भारतीय कप्तान विवेक सागर प्रसाद ने छह मिनट के अंतराल में तीसरे और छठे मिनट में दो गोल दागे। मलेशिया के लिये फिरदौस रोसदी ने पांचवें मिनट में बराबरी का गोल किया लेकिन विवेक ने अपने दूसरे गोल से भारत को 2-1 की शुरूआत में बढ़त दिलाई।
हालांकि मैच का दूसरा हाफ मलेशिया के नाम रहा जिसमें अखीमुल्लाह अनुआर ने 14वें और 19वें मिनट में दो गोल किये जबकि आरिफ इशाक ने 17वें मिनट में गोल किया और मलेशिया की जीत सुनिश्चित कर दी।
भारतीय कप्तान विवेक ने मैच के छठे मिनट में भी गोल का अच्छा प्रयास किया लेकिन मलेशियाई गोलकीपर शाहरूल साउपी ने इसका बचाव कर लिया। हाफ टाइम तक जहां भारत के पास एक गोल की बढ़त थी वहीं दूसरे हाफ में मलेशिया भारत पर पूरी तरह हावी दिखाई दिया और भारतीय गोलकीपर प्रशांत चौहान को मैच में काफी चुनौती झेलनी पड़ी। मैच के 19वें मिनट में अनुआर ने गोल करते हुये मलेशिया के लिये स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया और भारतीय टीम को रजत से संतोष करना पड़ा।