पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां शनिवार को कहा कि बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण के कई काम किए जा रहे हैं, और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अब महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाना चाहिए, ताकि संसद और विधानमंडल में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण का लाभ मिल सके।
नीतीश ने पटना में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, अंतरिक्ष हर जगह महिलाओं की मौजूदगी है, ऐसे में महिलाओं की जो क्षमता और मेधा है, उसका इस्तेमाल होना चाहिए। हमने इस दिशा में काफी पहल की है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने इशारों ही इशारों में विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने कभी दिखावे के लिए और वोट के लिए कोई काम नहीं किया। हां, वोट देने वालों की भलाई का काम किया है।
उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं की जागृति पर काम किया और बिहार में हमने 50 प्रतिशत महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण दिया, साथ ही नगर निकाय चुनाव में भी आरक्षण दिया। हमने बिहार में विकास की पहल की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीविका के मॉडल को स्वीकार कर लिया। बिहार में आठ लाख स्वयं सहायता समूह हैं, इससे महिलाओं में जागृति आ रही है। बिहार के गांव में कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी बैंक और बाकी चीजों के बारे में जान रही हैं, उनमें समाजिक तौर पर जागृति आ रही है।
नीतीश ने बिहार में शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं की मांग पर ही बिहार में शराबबंदी लागू की गई है, जिसके सुखद परिणम भी सामने आ रहे हैं। शराबबंदी के बाद बिहार में बहुत शांति का माहौल है। इस कदम से नारी सशक्तिकरण को बल मिला है।
उन्होंने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की भी चर्चा की। नीतीश ने बिहार के पुराने गौरव को वापस लौटाने की बात की और सम्मेलन में आए सभी लोगों का बिहार आने के लिए आभार जताया।