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ओम बिरला ने कोरोना में सुहाग, माता-पिता खो चुकी बहनों से बंधवाई राखी - Sabguru News
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ओम बिरला ने कोरोना में सुहाग, माता-पिता खो चुकी बहनों से बंधवाई राखी

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ओम बिरला ने कोरोना में सुहाग, माता-पिता खो चुकी बहनों से बंधवाई राखी

कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोरोना में अपने पति खो चुकी महिलाओं और माता-पिता खो चुकी बेटियों से आज यहां राखी बंधवाई।

कोटा में लोकसभा कैंप कार्यालय में बिरला को 30 से अधिक महिलाओं और बालिकाओं ने राखी बांधी। इस अवसर पर बिरला ने कहा कि भाई और अभिभावक के रूप में वह इन महिलाओं और बेटियों की सहायता को सदैव तत्पर रहेंगे।

महिलाओं और बालिकाओं ने भी अपनी समस्याओं के बारे में बताया, जिसका बिरला ने समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव भले ही अब कुछ कम हो गया हो, लेकिन उसने जो जख्म दिए हैं वह अब भी हरें हैं, जो दर्द दिया है वह रह-रह कर अब भी अनेक परिवारों को साल रहा है। इन परिवारों के दुख दूर करने के प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि इन परिवारों को अपने पैरों पर खड़ा कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी वर्गों से बात कर कार्य योजना बनाई जा रही हैं। रक्षा सूत्र भी इसी बात के लिए हम एक भाई और अभिभावक के रूप में इन परिवारों के साथ खड़े होंगे और उनकी रक्षा करेंगे।

इन परिवारों के बच्चों को अच्छे संस्कार और शिक्षा देकर होनहार नागरिक बनाने का प्रयास करेंगे। बिरला ने कहा कि बहनों और बेटियों ने हमें अपनी कठिनाइयों की जानकारी दी है। हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि उनके दर्द को जल्द से जल्द दूर किया जाए।

इस मौके पुलवामा शहीद हेमराज मीणा की पत्नी वीरांगना मधुबाला मीणा ने बिरला के राखी बांधी। बूंदी रोड स्थित आनंद विहार निवासी स्मिता जैन ने राखी बांधते हुए बिरला को बताया कि करीब तीन वर्ष पहले लोन लेकर बड़े अरमानों के साथ आशियाना सजाया था। कोरोना से पति की मौत के बाद जैसे कुछ खत्म हो गया। ईएमआई नहीं दे पाने के कारण बैंक की ओर से नोटिस देने की बात कही जा रही हैं। बिरला ने कहा कि बैंक अधिकारियों से बात करेंगे।

कोरोना के कारण दो दिन के भीतर अपने माता-पिता को खो चुकी सौम्या सपनानी ने भी बिरला को राखी बांधी। सौम्या अब बजरंग नगर में मौसी सिमरन के साथ रहती है तथा भीमगंजमंडी स्थित सोफिया स्कूल में पढ़ती है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मौसी फीस नहीं चुका पा रही। बिरला ने कहा कि सौम्या जहां पढ़ना चाहे और जब तक पढ़ना चाहे, इसकी व्यवस्था अब हम करेंगे।

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