नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने बुधवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पत्र साझा करते हुए इसकी घोषणा की।
मिताली ने पत्र में लिखा कि मैंने एक छोटी बच्ची के रूप में भारत की जर्सी पहनने का सफ़र शुरू किया था। यह सफ़र ऊंच-नीच से भरा रहा। इस सफ़र की हर घटना ने मुझे कुछ नया सिखाया, और पिछले 23 साल चुनौतीपूर्ण और सुखद रहे। उन्होंने कहा कि हर सफ़र की तरह, इसका भी अंत होना है। आज मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के हर प्रारूप से सन्यास लेती हूं।
मिताली ने 1999 में 16 साल की उम्र में भारत के लिए खेलना शुरू किया था। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मैंने जब भी फ़ील्ड पर कदम रखा, मैंने भारत को जिताने के इरादे से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया। तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुझे जो अवसर मिला है, मैं उसे हमेशा संजो कर रखूंगी।
मेरे अनुसार अब अपने करियर पर विराम देने का सही समय आ गया है, क्योंकि टीम कुछ बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के सक्षम हाथों में है और भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है।
मिताली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और बोर्ड के सचिव जय शाह को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि इतने सालों तक टीम की अगुवाई करना सम्मान की बात थी।
मिताली ने क्रिकेट के साथ अपने भविष्य के बारे में कहा कि यह सफ़र भले ही ख़त्म हो गया हो लेकिन एक और सफ़र मुझे बुलाता है। मैं उस खेल के साथ जुड़ी रहना चाहुंगी जिससे मैं प्यार करती हूं और भारत एवं विश्व भर में महिला क्रिकेट के विकास में योगदान देना चाहूंगी। मिताली ने अपने सभी प्रशंसकों के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए पत्र का अंत किया।
भारत की सर्वकालिक महान खिलाड़ी मिताली ने 12 टेस्ट, 232 एकदिवसीय और 89 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और एक कप्तान के तौर पर भारत को दो विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचाया है।