सूरत। सबसे अधिक (6690) कटे हुए हीरों के टुकड़ों से बनी अंगूठी के तौर पर हाल में गिनीज बुक में शामिल हुई गुजरात के सूरत में तैयार एक बेशकीमती अंगूठी जल्द ही नीलामी के जरिये बिक्री के लिए उपलब्ध होगी।
करीब छह तोले वजन वाली और हीरों के अलावा 18 कैरेट के गुलाबी सोने (रोज गोल्ड) और मिश्र धातु से बनी इस अंगूठी के निर्माता के तौर पर अपनी पत्नी खुशबू अग्रवाल के साथ गिनीज बुक में स्थान पाने वाले यहां के हनुमंत डायमंड कंपनी के मालिक विशाल अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसकी नीलामी की प्रक्रिया लगभग एक पखवाड़े में शुरू होगी।
36 पंखुड़ियों वाले कमल के डिजायन में बनी इस अंगूठी की शुरूआती कीमत करीब 40 लाख अमेरिकी डॉलर (27 करोड़ रूपये से अधिक) आंकी गयी है पर नीलामी की आधार कीमत यह नहीं होगी। इसे अभी तय नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस अंगूठी को बनाने में एक साल का समय लगा और गिनीज बुक में हाल में नाम आने और इसका प्रचार होने के बाद अब यह केवल एक बेशकीमती अंगूठी ही नहीं बल्कि एक कला-सामग्री भी हो गई है। देश विदेश के कई खरीददारों ने इसके खरीदने में रूचि दिखाई है।
इसलिए यह तय किया गया है कि इसे नीलामी के जरिये सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेचा जाएगा। यह अंगूठी बनाने का ख्याल उन्हें और उनकी पत्नी को विदेश दौरों के दौरान आया। वे भारत की ओर से कोई बेमिसाल चीज तैयार करना चाहते थे। इसकी डिजाइन मुख्य रूप से उनकी पत्नी ने तैयार की थी।