विजयवाडा। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के अंतरवेदी गांव में स्थित प्रसिद्ध श्रीलक्ष्मीनरसिम्हा स्वामी मंदिर के रथ में रविवार तड़के आग लगने से रथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
साठ साल पुराने इस पवित्र रथ को मंदिर के सामने एक शेड में पार्क किया गया था। आज तड़के यह आग की लपटों में जलता हुआ पाया गया। रथ पूरी तरह से आग में नष्ट हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे पिछले छह महीने से काम नहीं कर रहे हैं।
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि इसमें किसी असामाजिक तत्वों ने आग लगाई या फिर दुर्घटनावश रथ में आग लगी। त्योहारों और अन्य शुभ अवसरों के दौरान रथ का उपयोग मंदिर के प्रदर्शन के दौरान भगवान की सवारी के लिए किया जाता था। मंदिर के रथ के जलने से राज्य भर में सदमे की लहरें दौर गई हैं क्योंकि इस मंदिर में त्योहारों के दौरान लाखों लोग यहां आते थे।
घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के बंदोबस्ती मंत्री वेल्लमपल्ली श्रीनिवास राव ने इस घटना की व्यापक जांच के आदेश दिए और बंदोबस्ती विभाग के अतिरिक्त आयुक्त रामचंद्र मोहन को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
राव ने कहा कि पुलिस ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है तथा इस बात की जांच की जा रही है कि आग दुर्घटनावश लगी या फिर असामाजिक तत्वों ने इसमें आग लगाई। मंत्री ने कहा कि मंदिर का रथ 60 वर्ष पुराना था और अधिकारियों को इसी प्रकार का एक अन्य रथ बनाने का भी निर्देश दिया गया है।
राज्य में मंदिर के रथ में आग लगने की यह दूसरी घटना है। छह माह पहले नेल्लोर जिले में एक अन्य मंदिर के रथ में असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी थी। इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सोमू वीरराजू और उपाध्यक्ष विष्णुवर्धन रेड्डी ने आग में पवित्र रथ के नष्ट होने पर गहरा दुख व्यक्त किया।
इस घटना की निंदा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की एक टीम मंदिर का दौरा करेगी और तथ्यों का पता लगाएगी और सरकार से जांच के आदेश देने की मांग की।