अयोध्या। उत्तर प्रदेश में राम नगरी अयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर में पहली जून से रामलला के घर (गर्भगृह) का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
श्रीराम मंदिर निर्माण तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गयी है। इसके अनुसार श्रीराम जन्मभूमि पर विराजमान रामलला के घर, जहां उनका जन्म हुआ था, जिसे गर्भगृह कहा जाता है, के निर्माण की पहली शिला एक जून को रखी जाएगी।
मंदिर के निर्माण कार्य से जुड़ी सोमवार तक की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार देश दुनिया के रामभक्तों के लिए एक जून को गर्भगृह के निर्माण कार्य का आगाज होना बड़ी खुशखबरी है। इससे मंदिर निर्माण को लेकर रामभक्तों का पांच सौ साल का इंतजार खत्म होने जा रहा है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि (एक जून को) मृगशिरा नक्षत्र व आनन्द योग के शुभ मुहूर्त में रामलला के गर्भगृह का निर्माण विधि विधान से पूजन-अर्चन के साथ शुरू होगा। ऐसी संभावना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला के पूजन-अर्चन के बाद गर्भगृह की पहली शिला रखेंगे। राम मंदिर के ट्रस्टी सहित संत-धर्माचार्य भी इस अवसर के साक्षी बनेंगे।
पांच अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन किया था। अब मुख्यमंत्री योगी को रामलला के गर्भगृह के निर्माण का शुभारंभ करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। 11 वैदिक आचार्य विधि विधान पूर्वक पूजन-अर्चन के बाद निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारम्भ करवायेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह नौ बजे से शुरू होने वाली पूजन प्रक्रिया दो घंटे तक चलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही टेंट में विराजमान रामलला को अस्थायी मंदिर में विराजित कराया था। अब उनके घर के निर्माण कार्य की प्रक्रिया भी उनके हाथों शुरू होगी। मंदिर निर्माण की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक अभी राम मंदिर के तीसरे चरण के तहत गर्भगृह के चबूतरे (प्लिंथ) के निर्माण का काम चल रहा है।
सात परतों (लेयर) में बन रहे इक्कीस फीट ऊंचे प्लिंथ की अभी तक पांच परतें ढाली जा चुकी है। हालांकि प्लिंथ के निर्माण का काम पूरा होने में अभी करीब दो महीने लगेंगे, लेकिन श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक जून से गर्भगृह का निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है।
गर्भगृह स्थल से रामलला के घर के लिए पत्थरों की सेटिंग का कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। जिस-जिस दिशा में प्लिंथ का काम पूरा होता जाएगा, उस-उस दिशा में गर्भगृह के पत्थर भी लगाए जाते रहेंगे। इस तरह दोनों काम साथ-साथ चलेंगे।
ट्रस्ट ने बताया कि प्लिंथ में कुल 17 हजार ग्रेनाइट पत्थर लगने हैं। अब तक 5000 पत्थर लगाए जा चुके हैं। प्रगति रिपेाअर् के हवाले से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने बताया कि ‘रिटेनिंग वाॅल’ का भी साठ प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 तक रामलला का गर्भगृह तैयार करने का लक्ष्य है। प्लिंथिंग रिटेनिंग वॉल व गर्भगृह तीनों का निर्माण कार्य एक साथ चलता रहेगा। अगले माह से गर्भगृह का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा और मृगशिरा के शुभ नक्षत्र में गर्भगृह का काम पूरा हो जाएगा।
राय ने कहा कि दिसंबर 2023 में रामलला का गर्भगृह तैयार होने के बाद गर्भगृह में रामलला की प्रतिष्ठापना होते ही भक्तों को दर्शन-पूजन मिलने लगेंगे। साकेत भवन मंदिर के महंत ज्योतिषाचार्य प्रवीण ने बताया कि राम मंदिर के लिए भूमि पूजन से लेकर निर्माण तक के हर चरण का शुभारंभ शुभ तिथियों पर पूजन-अर्चन के बाद ही हुआ है।
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में वास्तु शास्त्र का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक जून को बुधवार है और सूर्योदय से शाम 7.22 बजे तक द्वितीया तिथि है। ज्योतिषी आचार्य के मुताबिक द्वितीया तिथि शास्त्रों के अनुसार वास्तु कर्म एवं प्रतिष्ठा के लिए सर्वथा अनुकूल होती है। वहीं, इस दिन मृगशिरा नक्षत्र भी है, जो सुबह 11.26 बजे तक है। इससे पहले तक शिला स्थापना का कार्य प्रारम्भ कर देना उचित रहेगा।
आचार्य प्रवीण ने बताया कि चूंकि गर्भगृह निर्माण के सभी कार्यों के लिए मृगशिरा नक्षत्र सर्वोत्तम माना जाता है। इसलिए रामलला के गर्भगृह जो कि उनका घर ही है, का निर्माण कार्य प्रारम्भ करना शुभ फलदायक होगा।