नयी दिल्ली | रक्षा क्षेत्र की आयुध निर्माणियों के निगमीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारी इस मसले के समाधान के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन के सरकार के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल वापस लेने को तैयार हो गये हैं।
रक्षा मंत्रालय ने आज एक वक्तव्य जारी कर कहा कि कर्मचारियों के चारों परिसंघों के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को रक्षा सचिव (उत्पादन) ने बातचीत की। बातचीत में इस बात पर सहमति बनी कि कर्मचारियों के परिसंघों के साथ विचार विमर्श के लिए एक उच्च स्तरीय आधिकारिक समिति का गठन किया जायेगा। यह समिति कर्मचारियों की चिंताओं और नयी व्यवस्था के तमाम पहलुओं के बारे में परिसंघों के प्रतिनिधियों के साथ बात करेगी। इसके बाद परिसंघ के प्रतिनिधियों ने हड़ताल वापस लेने तथा वार्ता प्रक्रिया जारी रखने पर सहमति व्यक्त की। इस सहमति के बाद कर्मचारी सोमवार से काम पर लौट आयेंगे।
रक्षा सचिव (उत्पादन) ने चौथे दौर की वार्ता में कर्मचारियों की बातों को धैर्य से सुना। कर्मचारियों ने उन्हें प्रस्तावित निगमीकरण के कारण उनके हितों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि निगमीकरण का रोड़मैप तैयार करते समय कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के सुझावों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
सरकार कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ गत 14 अगस्त से बात कर रही थी और उसने कई बार स्पष्ट किया है कि
आयुध निर्माणियों के निजीकरण का उसका कोई प्रस्ताव नहीं है और कर्मचारियों को हड़ताल का निर्णय वापस ले लेना चाहिए।