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world 93 percent of children air pollution victims - विश्व के 93 प्रतिशत बच्चे वायु प्रदूषण के शिकार - Sabguru News
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विश्व के 93 प्रतिशत बच्चे वायु प्रदूषण के शिकार

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विश्व के 93 प्रतिशत बच्चे वायु प्रदूषण के शिकार
world 93 percent of children air pollution victims
world 93 percent of children air pollution victims
world 93 percent of children air pollution victims

कोलकाता । विश्व के 15 वर्ष से कम उम्र के 93 प्रतिशत बच्चे प्रतिदिन प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं जिससे उनके स्वास्थ्य और विकास पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ाें के अनुसार 2016 में दुनिया में 600, 000 बच्चों की प्रदूषित हवा के कारण सांस संबंधी बिमारियों से मौत हुई।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ‘वायु प्रदूषण और बाल स्वास्थ्य’ पर नयी रिपोर्ट में विश्व, विशेषतौर पर निम्न एवं मध्य आय वाले देशों के बच्चों के स्वास्थ्य पर “वायु प्रदूषण घर में और घर के बाहर” के तहत दोनों जगह साफ वायु की जांच की गयी है। यह रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु प्रदूषण ए‌वं स्वास्थ्य पर पहले वैश्विक सम्मेलन की पूर्व संध्या पर लॉन्च की गयी है।

इसमें खुलासा किया गया है कि कि जब गर्भवती महिला प्रदूषित वातावरण में रहती है तो उनमें समय से पूर्व शिशु को जन्म देने की प्रवृति अधिक देेेखी गई है। एेसे बच्चों का बाद में विकास प्रभावित होता है।

वायु प्रदूषण मानसिक विकास एवं ज्ञान-क्षमता पर प्रभाव डालला है। इससे अस्थमा और बचपन में ही कैंसर हो सकता है। उच्च वायु प्रदूषण में रहने वाले बच्चों को हृृदय से संबंधित जैसी दीर्घकालिक बीमारियां होने का भी खतरा होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेडरोस अधानोम घेब्रियेसुस ने कहा,“ प्रदूषित वायु लाखों को बच्चे के लिए जहर है और उनके जीवन को खत्म कर रही है।” इसे नकारा नहीं जा सकता है। हर बच्चे को स्वच्छ वायुु में सांस लेना चाहिए।”

वायु प्रदूषण का प्रभाव बच्चों पर वयस्कों की तुलना में अधिक होता है क्योंकि बच्चे तेजी से सांस लेते हैं जिससे वह अधिक प्रदूषित हवा भीतर खींचते हैं और इसका असर उनके फेंफड़ाें पर पड़ता है। जब बच्चे मैदान में खेलते है तो उस समय उनकी शारीरिक गातिविधियांं काफी तेेज हो जाती हैं और वे अधिक प्रदूषित वायुु भीतर ले जाते हैं।

नवजात शिशु और छोटे बच्चे घरों में होने वाला वायु प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं जो प्रदूषित ईंधन के उपयोग, हीटिंग और प्रकाश व्यवस्था का नियमित उपयोग से होता है। विश्व स्वास्थय संगठन में जन स्वास्थ्य विभाग की निदेशक डॉ. मारिया नीरा ने कहा,“ वायु प्रदूषण हमारे बच्चों के मस्तिष्क के विकास को रोक रहा है, हम जिन खतरों से वाकिफ है प्रदूषण उनसे कईं ज्यादा प्रभावित कर रहा है।