जयपुर। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की महानिदेशक ऑड्रे अजोलो ने राजस्थान की राजधानी जयपुर के परकोटे के विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने का प्रमाण पत्र आज राज्य सरकार को प्रदान किया।
पर्यटन विभाग एवं नगर निगम की ओर से जयपुर में अलबर्ट हॉल परिसर में आयोजित एक समारोह में अजोलो ने राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को जयपुर को विश्व धरोहर सूची में शामिल होने का प्रमाण पत्र सौंपा। इस अवसर पर नगरीय शासन मंत्री शांति धारीवाल, उर्जा मंत्री बीडी कल्ला, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अजोलो ने गुलाबी नगर जयपुर का नाम जीवंत विरासत, भव्य इमारतों एवं गौरवशाली इतिहास के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि केवल इसी कारण नहीं यहां का हैंडीक्रॉफ्ट, यहां की जूलरी व अन्य चीजों के कारण भी जयपुर का दुनिया में प्रमुख स्थान है।
गौरतलब है कि यूनेस्को की टीम अजोलो के नेतृत्व में जयपुर को यह सम्मान प्रदान करने के लिए मंगलवार को यहां पहुंच थी। यह सम्मान पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रदान किया जाना था लेकिन उनकी तबीयत खराब होने के कारण वह इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके। उनके स्थान पर पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने यह सम्मान प्रदान किया।
जयपुर की विरासत मानव प्रतिभा का अनूठा उदाहरण-अजोले
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक ऑड्रे अजोलो ने कहा है कि जयपुर शहर की विरासत मानव प्रतिभा और विविधता का अनूठा उदाहरण है, जिसके चलते ही इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल की सूची में स्थान दिया गया है।
अजोले ने बुधवार को जयपुर में यूनेस्को के अन्य प्रतिनिधियों के साथ ऐतिहासिक हवामहल एवं आमेर किले का भ्रमण किया। उन्होंने आमेर किले की स्थापत्य कला का बारीकी से अवलोकन किया एवं शानदार स्थापत्य की प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने किले की वास्तुकला के बारे में जाना और उसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की।
उन्होंने हवा महल के दौरे के दौरान विजिटर्स बुक में शहर के लिए यह कमेन्ट लिखकर न केवल जयपुर वासियों को बल्कि प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित कर दिया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में अजोले ने कहा कि राजस्थान की भव्यता विश्वव्यापी है। जिसको देखते हुए ही जयपुर शहर को विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यूनेस्को और जयपुर के बीच अटूट रिश्ता है, जो संस्कृति और विरासत के आधार पर वर्षो से चला आ रहा है। जयपुर को विश्व विरासत स्थल का दर्जा देकर आज इस रिश्ते को इस रूप में संजोया गया है। उन्होंने हवा महल के ऊपर से जयपुर का विहंगम दृश्य देखा और जयपुर की खूबसूरती की जमकर प्रशंसा की।
इस दौरान वह वहां चल रहे कठपुतली शो को देखने से वह खुद को नही रोक पाई। कलाकारों की कलाकारी से अभिभूत होकर उन्होंने कठपुतली हाथ में लेकर कलाकारों के साथ फोटो भी खिंचवाई।