दुबई। शीर्ष भाला फेंक एथलीट सुंदर सिंह गुर्जर ने कंधे की चोट से उबरते हुये सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बदौलत भारत के लिये यहां चल रही विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है, इसी के साथ भारत ने अगले वर्ष होने वाले टोक्यो पैरालंपिक खेलों के लिये भी तीन कोटे हासिल कर लिये हैं।
गुर्जर ने इसी के साथ लंदन विश्व 2017 में अपने खिताब का भी बचाव कर लिया और भारत के मात्र दूसरे पैरा एथलीट बन गये हैं जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में लगातार दो पदक जीते हैं। गुर्जर ने वर्ष 2013 लियोन में स्वर्ण और 2015 दोहा चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
अपने पांचवें प्रयास तक दूसरे स्थान पर रहे गुर्जर ने छठे प्रयास में 61.22 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और तालिका में शीर्ष पर पहुंच गये। श्रभ्लंका के दिनेश पी हेरात मुदियानसेलागे ने 60.59 मीटर के साथ रजत जीता।
भारत के लिये यह दोहरी खुशी का मौका था जिसमें अजीत सिंह ने इसी स्पर्धा में 59.46 मीटर के साथ तीसरे नंबर पर रहकर कांस्य जीता। हमवतन रिंकू 57.59 मीटर की दूरी तक भाला फेंक सके और चौथे नंबर पर रहे। इसी के साथ भारत ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 खेलों के लिये भी तीन कोटा अपने नाम कर लिये।
भारतीय पैरालंपिक समिति के गुरशरन सिंह ने पदक विजेताओं को बधाई देते हुये कहा,“ भारतीय भाला फेंक खिलाड़ियों ने देश के लिये हमेशा पदक जीते हैं। हमें यकीन है कि अब ये टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भी हमें पदक दिलाएंगे। यह ये भी दिखाता है कि हम सही दिशा में जा रहे हैं।” भारत के पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अब तक दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक हो गये हैं।