आत्महत्या का नाम सुनकर हर किसी का दिल सहम सा जाता है। रोज अखबारों में आत्महत्या की खबरे आती रहती है। ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) द्वारा आत्महत्या पर पहली वैश्विक रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद से पिछले 5 सालों में राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति बनाने वाले देशों की संख्या में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 2.3 लाख लोग भारत में आत्महत्या करते हैं।
WHO के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन करीब 3000 लोग आत्महत्या कर रहे हैं। यानि हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। इसलिए पहली बार विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत 10 सितंबर को की गई थी।
पुरुष करते है ज्यादा आत्महत्या
WHO के अनुमानों के अनुसार, 2016 में आत्महत्या से 7,93,000 लोगों की मौतें हुई थी। इनमे ज्यादातर पुरुष शामिल थे। NCRB के डेटा के अनुसार 2015 में 91,528 पुरुषों ने अपनी जान ली, वहीं, 2005 और 2010 में 66,032 और 87,180 पुरुषों ने आत्महत्या की थी।
आत्महत्या के प्रमुख कारण
* गंभीर बीमारी का होना
* पारिवारिक कलह
* आर्थिक कमजोरी व मानसिक विकार
* असफलता
* प्रेम संबंध